राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में मई महीने का पहला पखवाड़ा अब तक सहज मौसम के साथ बीता है। यानि राजधानी में अब तक अधिकतम तापमान 45 डिग्री के स्तर पर नहीं पहुंचा है। इसके पीछे कारण हैं समय के अंतराल पर हो रही प्री-मॉनसूनी हलचलें। दिल्ली में इस सीज़न में सबसे अधिक तापमान पालम में 43.2 डिग्री और सफदरजंग में 42.8 डिग्री के स्तर पर पहुंचा है। जबकि पिछले 10 वर्षों के आंकड़े देखें तो मई के महीने में पारा प्रायः 45 डिग्री के आसपास भी रिकॉर्ड किया जाता है।
राजधानी दिल्ली और आसपास के भागों को 2-3 मई, 7-8 मई, 13 मई और उसके बाद आज यानि 16 मई की सुबह के समय आँधी, तूफान और बारिश ने प्रभावित किया। यही वजह है कि अधिकतम तापमान चरम पर नहीं पहुंचा। मई में अब तक दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ चलती रही हैं जिसके चलते वातावरण में लगातार बनी नमी से भी तापमान में ब्रेक लगी रही। दिल्ली में मई महीने में आमतौर पर 31.5 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि इस बार पहले पखवाड़े में ही 24 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि बाकी के 15 दिनों में बारिश के आसार कम हैं जिससे इन आंकड़ों में अधिक वृद्धि होने की संभावना है।
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इस बीच अगले 24 घंटों तक हवा में नमी बनी रहेगी जिससे तापमान 40 डिग्री से ऊपर जाने की स्थिति में कहीं-कहीं धूलभरी आँधी और बादलों की गर्जना हो सकती है। लेकिन अगले 2-3 दिनों के बाद यानि 19-20 मई से दिल्ली और इससे सटे शहरों में स्थायी रूप से मौसम बदलने वाला है। अनुमान है कि आर्द्र दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी हवाएँ बदलेंगी और दिल्ली में लंबे समय के लिए शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएँ डेरा जमा लेंगी।
उत्तर-पश्चिमी हवाएँ जब लगातार कई दिन चलती हैं तो वातावरण में नमी कम हो जाती है, पश्चिम में पाकिस्तान से यह गर्मी लाती हैं और तेज़ धूप होती है। यानि दिल्ली में अगले लगभग 10 दिनों के लिए मुख्यतः शुष्क मौसम के साथ तेज़ धूप अपना असर दिखाएगी और पारा तेज़ी से ऊपर चढ़ेगा। कह सकते हैं कि लू जैसे हालात जल्द ही देखने को मिल सकते हैं। इस दौरान आपको तूफान और आँधी से नहीं बल्कि प्रचंड गर्मी से डरना होगा और इससे बचने का इंतज़ाम करना होगा।
Image credit: DNA India
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