उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पहाड़ों पर स्थित हैं जिसके चलते यहां मौसम का मिजाज़ मैदानी भागों की तुलना में अलग होता है। मैदानी क्षेत्रों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मौसम पहाड़ों से बिलकुल भिन्न मौसम होता है। मई महीने में आमतौर पर उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में प्री-मॉनसून गतिविधियां व्यापक रूप में बढ़ जाती हैं। कई जगहों पर मध्यम बारिश के साथ ओलावृष्टि, बादलों की तेज़ गर्जना, बादल फटने और तेज़ हवाएँ चलने जैसी मौसमी हलचल देखने को मिलती है।
मैदानी राज्यों की अगर बात करें तो यहां धूलभरी आँधी, बादलों की गर्जना प्रायः होती है और कभी-कभी गरज के साथ बौछारें गिरने और तेज हवाओं के साथ बारिश होने जैसे मौसमी परिदृश्य भी दिखाई देते हैं। हालांकि मैदानी क्षेत्रों में यह गतिविधियां दोपहर बाद शाम के समय या भोर में होती हैं। वर्तमान मौसम का जिक्र करें तो इस वर्ष मई के पहले पखवाड़े में समूचे उत्तर भारत में मौसम में लगातार हलचल बनी रही।
इन गतिविधियों के कारणों पर नजर डालें तो पश्चिम से आने वाले मौसमी सिस्टम यानी पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रभाव से मैदानी क्षेत्रों में विकसित होने वाले चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र मौसम को बदलते हैं। इसके अलावा मैदानी राज्यों में बनने वाली ट्रफ रेखा भी दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ आकर्षित करती हैं जिससे यहां पर मौसम में हलचल बढ़ जाती है। उत्तर भारत के मैदानों से लेकर पहाड़ों तक जब बारिश जैसी प्री-मॉनसून हलचल होती है तब तापमान में व्यापक गिरावट आती है वहीं शुष्क मौसम की स्थिति में पारा व्यापक रूप में ऊपर चला जाता है।
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पिछले 24 घंटों के दौरान समूचे उत्तर भारत के राज्यों में दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली है। पंजाब के लगभग सभी भागों में अधिकतम तापमान 37 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच, हरियाणा में 39 से 40 डिग्री, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रिकॉर्ड किया गया। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
अगले 24 से 48 घंटों के दौरान संभावित मौसमी स्थिति की बात करें तो उत्तर भारत के लगभग सभी स्थानों पर हवाएं अभी भी अनुकूल हैं जिसके चलते एक-दो जगहों पर धूलभरी आंधी और बादलों की गर्जना जैसी प्री-मॉनसूनी हलचल देखने को मिल सकती है। शाम के समय 1-2 स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने और हल्की बारिश होने की भी संभावना से इनकार नहीं कर सकते।
हालांकि पिछले दिनों हुई गतिविधियों जैसा मौसम आने वाले दिनों में देखने को नहीं मिलेगा। बारिश कम होगी जिससे मैदानों से लेकर पहाड़ों तक तापमान में क्रमशः बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। तो अगले कुछ दिनों के दौरान आपको बारिश और आंधी-तूफान से डरने की ज़रूरत नहीं। बल्कि तेज गर्मी से बचाव करने की जरूरत होगी।
Image credit: India Today
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