साल 2020 का मॉनसून उत्तर प्रदेश के लिए असंतुलित रहा है। जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में औसत के आसपास वर्षा हुई है वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश शहरों में बारिश में कमी रही है। 1 जून से लेकर 14 सितंबर के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 10% कम 682 मिमी वर्षा हुई है। पश्चिमी भागों में बारिश में 33% की कमी है और यहाँ 444 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य अंतराल पर मॉनसून वर्षा जून से लेकर अब तक रुक-रुक कर होती रही है जिसके चलते ज्यादातर जिलों में खरीफ फसलों को पानी की जरूरतें काफी हद तक पूर्वी होती रही हैं।
कैसा रहेगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों में अगले चार-पांच दिनों के दौरान मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहेगा। तापमान में वृद्धि होगी। हवाओं में नमी अधिक होने के कारण उमस से लोगों का बुरा हाल होगा। राजधानी लखनऊ से लेकर आगरा, मथुरा, अलीगढ़, एटा, इटावा, मैनपुरी, बुलंदशहर, बदायूं, जालौन, झांसी, गौतमबुध नगर, मेरठ, मुरादाबाद समेत अधिकांश भागों में अगले 4-5 दिनों तक बारिश की उम्मीद बहुत कम है जिससे तापमान बढ़ेगा। हालांकि इस दौरान छिटपुट जगहों पर गर्जना के साथ हल्की बौछारों की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश पर मेहरबान मॉनसून
उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में 14 से 17 सितंबर के बीच रुक-रुक कर हल्की मॉनसूनी बारिश जारी रहने का अनुमान है। इसमें प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, सीतापुर, बहराइच शामिल हैं। 18 सितंबर से बारिश का दायरा मध्य और पश्चिमी भागों में ही बढ़ सकता है। उम्मीद है कि 18 और 19 सितंबर को उत्तर प्रदेश में पूरब से लेकर मध्य में लखनऊ, कानपुर और पश्चिम में आगरा मथुरा अलीगढ़ तक कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होगी।
हालांकि इस पूरी अवधि में उत्तर प्रदेश पर बारिश की तीव्रता मुख्यतः हल्की रहेगी। कुछ एक जगहों पर मध्यम या तेज वर्षा का अनुमान है। 20 सितंबर को दक्षिण-पूर्वी भागों में कुछ स्थानों को छोड़कर शेष उत्तर प्रदेश में मौसम साफ हो जाएगा। हालांकि 22 सितंबर से बारिश का एक नया दौर उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों से शुरू हो सकता है, क्योंकि एक नया मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी में उठने वाला है। यह सिस्टम पूर्वी भारत की तरफ से उत्तर प्रदेश पर पहुंचेगा। उम्मीद है कि सितंबर के आखिर में उत्तर प्रदेश के लोगों को अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश के 5 सबसे अधिक वर्षा वाले ज़िले
उत्तर प्रदेश में इस साल के मॉनसून सीज़न में महज़ 5 ज़िले ऐसे हैं जहां सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, वो भी 5 ज़िले पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं। बस्ती में सामान्य से 71% अधिक 1287 मिमी बारिश हुई है। चित्रकूट में 48% ज़्यादा 1015 मिमी अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। अंबेडकर नगर में 42% अधिक 1115 मिमी जबकि बाराबंकी में 29% अधिक 997 मिमी और बलरामपुर में 21% अधिक 988 मिमी वर्षा हुई है।
उत्तर प्रदेश के 5 सबसे कम वर्षा वाले ज़िले
कम वर्षा वाले जिलों में सबसे ऊपर है गौतम बुद्ध नगर जहां सामान्य से 86% कम महज़ 68 मिमी वर्षा हुई है। मथुरा में 64% कम 182 मिमी, गाज़ियाबाद में 63% कम 185 मिमी, बुलंदशहर में 60% कम 218 मिमी और कौशांबी में 59% कम 227 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसमें पहले के 4 ज़िले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं जबकि एक ज़िला कौशांबी पूर्वी उत्तर प्रदेश में है।
Image Credit: Lucknow City
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