देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में इस वर्षा सर्दी में अब तक विशेष बारिश नहीं हुई है। हालांकि पूर्वी भारत के राज्यों में बीते सप्ताह बारिश का एक छोटा दौर देखने को मिला। इस दौर को छोड़ दें तो यह कह सकते हैं कि पूर्वी और मध्य भारत में मौसम मुख्यतः शुष्क बना हुआ। हालांकि लगातार जारी कोहरे के प्रभाव से दिन में धूप का असर कम हो रहा था जिससे पूर्वी राज्यों में दिन का तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ था।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य यह है कि इन भागों में उत्तर-पश्चिमी शुष्क और शीतल हवाएँ चलने लगी हैं जिससे पूर्वी भारत के हिस्सों में कोहरे में कमी आई है। इस बीच उत्तरी-पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और झारखंड में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने के संकेत मिल रहे हैं।
स्काइमेट के अनुसार ओड़ीशा के तटीय हिस्सों पर विकसित हुए एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते देश के पूर्वी और मध्य भागों में मौसम करवट लेगा। इसके चलते पूर्वी और मध्य हिस्सों पर आर्द्रता का प्रवाह अधिक होगा। पूर्व से आर्द्र हवाएँ और पश्चिम से आने वाली शुष्क व ठंडी हवाओं के आपस में टकराने से एक कोंफ्लुएंस ज़ोन विकसित हो जाएगा।
विपरीत दिशाओं से जब दो विपरीत प्रकृति की हवाएँ आपस में टकराती हैं तब मौसम में बदलाव देखने को मिलता है। ओड़ीशा के तटों पर विकसित हुए इस सिस्टम के चलते पूर्वी भारत पर खाड़ी से गर्म और आर्द्र हवाएँ चलने लगी हैं जो पूर्वी राज्यों पर पश्चिम से आने वाली ठंडी तथा शुष्क हवाओं से टकराएँगी। इन हवाओं के आपस में मिलने से बादल बनेंगे। साथ ही कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की जाएगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के दौरान उत्तर पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़ और झारखंड में कुछ स्थानों पर वर्षा हो सकती है। दक्षिणी बिहार में भी एक-दो स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।
Image credit: Hindustan Times
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।