दिल्ली और आसपास के शहरों में लंबे समय से बारिश नहीं हो रही है। मॉनसून रुठा हुआ है। यही वजह है कि दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद और आसपास के सभी इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है और उमस भी मौसम को बेहद असहज बना रही है।
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हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली और एनसीआर में मौसम ने कुछ करवट ली और एक-दो स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हुई है। दिल्ली के सफदरजंग में 1.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर के उत्तरी हिस्सों से आगे निकल रहे कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से दिल्ली की हवाओं में नमी है और मौसम में यह बदलाव आया है। मॉनसून ट्रफ उत्तरी राजस्थान से होकर गुजर रही है। मॉनसून ट्रफ और अन्य दोनों मौसमी सिस्टमों के कारण राष्ट्रीय राजधानी में अब बारिश की उम्मीद जगी है।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 48 घंटों तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवाओं में नमी अधिक बनी रहेगी। यही कारण है कि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और बल्लभगढ़, पलवल में कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ हल्की बारिश की गविधियां देखने को मिल सकती हैं।
आमतौर पर दिल्ली एनसीआर में सितंबर इतना गर्म नहीं होता क्योंकि मॉनसून वापस लौटने से पहले इन क्षेत्रों में हल्की बारिश देता रहता है जिसके कारण तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे बना रहता है। लेकिन बीते कई दिनों से बारिश ना होने के कारण तापमान ऊपर गया है। यही कारण है कि 11 सितंबर को पारा बढ़कर सामान्य से काफी ऊपर पहुंच गया और इसने 10 सालों का सबसे अधिक तापमान का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इस साल जून से लेकर जुलाई-अगस्त और अब सितंबर में बारिश सामान्य से कम हुई है। 1 जून से 14 सितंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में सामान्य से 39% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। अब बारिश के आंकड़े सामान्य के आसपास तो नहीं पहुँच सकते हैं, लेकिन अगले 48 घंटों तक संभावित हल्की बारिश के चलते इनमें कुछ बदलाव जरूर आ सकता है। साथ ही दिल्ली के लोगों को गर्मी से भी कुछ निजात मिल सकती है।
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