प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि 17 सितंबर को अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं। पीएम मोदी आज का दिन अपने गृहराज्य गुजरात में बिता रहे हैं। केवडिया में सरदार सरोवर बांध के पास एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज के दिन मां नर्मदा के दर्शन होना बड़ी बात है। बता दें कि, दो साल पहले बना यह बांध पहली बार पूरा भरा है।
बोले पीएम
पीएम मोदी ने कहा, 'हमारी संस्कृति के अनुसार पर्यावरण की रक्षा करते हुए भी विकास हो सकता है। प्रकृति हमारे लिए आराध्य है, प्रकृति हमारा आभूषण है।
दो साल पहले बना यह बांध पहली बार पूरा भरा
आपको बता दें कि, गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध का जल स्तर 138 मीटर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया है और अपने ओवरफ्लो के निशान से महज 68 सेंटीमीटर कम है। पड़ोस में मध्य प्रदेश के बड़े जलाशयों से सरदार सरोवर बांध के जलाशय में पानी आने के चलते जल स्तर बढ़ा है।
सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) के प्रबंध निदेशक राजीव गुप्ता ने कहा, “सरदार सरोवर बांध में जल स्तर 138 मीटर है। तकनीकी और प्राकृतिक कारणों पर यह निर्भर करेगा कि क्या यह 138.68 मीटर की पूर्ण ऊंचाई पर पहुंचेगा। साथ ही, मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर बांध से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से नर्मदा बांध में भारी मात्रा में पानी आ रहा है।
मौसम पूर्वानुमान
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, गुजरात में अगले एक सप्ताह के दौरान बारिश होने की संभावना है, क्यूंकि कुछ सिस्टम अभी भी इस क्षेत्र के आसपास बने हुए हैं। 24, 25 और 26 सितंबर को अच्छी बारिश होने की संभावना है। यह व्यापक बारिश जलांचल क्षेत्रों को अधिक प्रभावित करेगी ।
नर्मदा एकमात्र ऐसी नदी है जो उस क्षेत्र में पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र इस बांध के जलग्रहण क्षेत्रों में आते हैं। इन तीन राज्यों में भी पिछले कई दिनों में अच्छी बारिश हुई है, जिससे पर्याप्त पानी की आवक हुई है।
बांध की भूमिका
यह बांध आसपास रहने वाले लोगों के जीवन में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यह 131 शहरी केंद्रों और लगभग 10,000 गाँवों (गुजरात के कुल गाँवों का 53%) में पेयजल उपलब्ध कराता है। बांध का पानी नहर नेटवर्क के 75,000 वर्ग फुट में फैला है। इसकी स्थापित क्षमता पर कुल 1450 मेगावाट ऊर्जा का भी उत्पादन होता है।
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कुछ दिन पहले ही, 8 सितंबर को बांध अपने जल स्तर 136.2 मीटर तक पहुंच गया था। नतीजतन, लगातार बारिश के कारण 30 गेटों में से 23 को खोला जाना था। नर्मदा, बारुच और वडोदरा जिलों में पड़ने वाले गांवों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई थी।
जलस्तर बढ़ने के कारण नुकसान
गौरतलब है कि, सरदार सरोवर बांध के बैकवॉटर (बांध की बाहरी दीवार से टकराकर लौटने वाला पानी) का स्तर बढ़ने के कारण आयी डूब से गुजरे डेढ़ महीने में मध्य प्रदेश में नर्मदा तट की कई बसाहटों के हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। इसके साथ ही, बड़े पैमाने पर फसलों और सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ है।
Image Credits : Twitter
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