[Hindi] ओड़ीशा पर मंडरा रहा चक्रवात का ख़तरा; तटों पर हो सकती है तबाही वाली बारिश

September 20, 2018 2:08 PM | Skymet Weather Team

 

भारत में चक्रवाती तूफान आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर में बनते हैं। यानी जल्द ही चक्रवाती तूफान का सीजन शुरू होने वाला है। इस समय सितंबर अपने आखिरी पड़ाव पर है कह सकते हैं चक्रवात सीज़न बिलकुल करीब है। ऐसे में कई बार ऐसा भी होता है की खाड़ी में सितंबर के आखिर में बनने वाला प्रभावी मौसमी सिस्टम भी चक्रवाती तूफान का रूप ले लेता है।

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व में एक मौसमी सिस्टम उभरता हुआ दिखाई दिया। जो अब प्रभावी होते हुए डिप्रेशन बन चुका है। जल्द ही यह डीप-डिप्रेशन का रूप ले लेगा। यह सिस्टम चक्रवाती तूफान बनेगा या नहीं, इस बात करते हुए स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ एवीएम जीपी शर्मा कहते हैं कि वर्तमान मौसमी परिदृश्य कोई साफ संकेत नहीं दे रहे हैं। स्थिति हाँ और ना दोनों की है।

श्री शर्मा के मुताबिक समुद्र की सतह का तापमान, विंड शीयर और बादलों की स्थिति इसके चक्रवात बनने की संभावना जताते हैं। इस समय सतह का तापमान 27, 28 और 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है, विंड शीयर कम है और बंगाल की खाड़ी पर बने घने बादल बने हुए हैं जो संकेत करते हैं कि यह सिस्टम चक्रवती तूफान का रूप ले सकता है।

हालांकि तटीय भागों के करीब होने के कारण इसके तूफान बनने की संभावना कम हो जाती है। इस समय यह सिस्टम सिस्टम बंगाल की खाड़ी के मध्य में जहां से पूर्व में म्यांमार है तो पश्चिम में ओड़ीशा का तट। यानि इसे अपना पंख फैलाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलने वाली है जिससे इसके और अधिक सशक्त होकर उभरने की संभावना कम हो जाती है।

एवीएम जीपी शर्मा का कहना है कि इसमें संभावना 50-50 की है, क्योंकि बाकी सारी स्थितियां अनुकूल है। इसलिए पूरी तरह से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि यह सिस्टम चक्रवाती तूफान नहीं बनेगा। हालांकि अगर यह सिस्टम चक्रवाती तूफान बनता भी है तो अधिक समय तक टिक नहीं पाएगा क्योंकि इसका समुद्री सफ़र काफी छोटा होगा।

Image credit: Ajkerbazzar

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