दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उम्मीद के मुताबिक 109% वर्षा के साथ सम्पन्न हुआ। उत्तर भारत से मॉनसून तेजी से वापस लौटा है। उत्तरी मध्य प्रदेश के भी कुछ हिस्सों से मॉनसून वापस लौट चुका है। अगले 10 दिनों में उत्तर भारत में सुबह-सुबह ठंडी हवाओं के साथ सर्दियों का एहसास होने लगेगा।
सभी तीनों विवादास्पद कृषि विधेयकों के राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह अब कानून बन गए हैं। विधेयक को जब प्रस्तुत किया गया था तब इसका व्यापक विरोध किया गया था। कुछ राज्यों में किसानों ने विधेयकों का विरोध किया और प्रदर्शनों के मध्यम से रेल और सड़क यातायात को बाधित किया। किसानों ने आशंका व्यक्त की थी कि केंद्र सरकार के इन कृषि सुधारों से न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। किसानों के डर को समाप्त करते हुए केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था और कृषि उपज विपणन समिति पहले की तरह ही काम करती रहेगी और धान की खरीद मंडियों द्वारा की जाएगी।
धान के प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा में धान की जल्दी खरीद शुरू किए जाने की अनुमति दे दी थी। इसके अलावा, कपास और धान सहित प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर सरकार ने किसानों को यह संदेश देने का प्रयास किया कि केंद्र अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हट रहा। हालांकि पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा दर्ज आंकड़ों के अनुसार, धान की कीमतें संशोधित एमएसपी से 315 रुपये नीचे चल रही हैं। पंजाब की मंडियों में बासमती की खरीद इस समय 1560 रुपये से 2140 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हो रही है और अब तक कुल खरीद 7400 टन से अधिक हो चुकी है। सरकार और किसानों के बीच गतिरोध का अब तक कोई सर्वमान्य समाधान नहीं निकला है। कुछ राज्य यह आरोप लगा रहे हैं कि यह विधेयक उनके विधायी क्षेत्र में अतिक्रमण है और इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए। मेरे विचार से, इन विधेयकों के प्रभाव और किसानों के संबंध में उनके परिणाम खरीफ के वर्तमान सीज़न के ख़त्म होने के बाद स्पष्ट हो जाएंगे। 6 महीने की अवलोकन अवधि इस तरह के दावों को साबित करने या इसे नकारने के लिए पर्याप्त होगी। यदि इसके चलते कोई नुकसान होगा तो इन प्रावधानों को किसान समुदाय द्वारा स्वतः खारिज कर दिया जाएगा।
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटों के पास बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र मध्य भारत के भागों पर आएगा। इससे मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों से मॉनसून की वापसी में ब्रेक लग सकती है। मॉनसून की वापसी के समय मुंबई में हल्की वर्षा रुक-रुक कर होती रहेगी। अगले सप्ताह भारी बारिश की संभावना है।
उत्तर भारत
दक्षिण पश्चिम मॉनसून पूरे उत्तर भारत से वापस लौट गया है। मैदानी इलाकों में ज्यादातर स्थानों पर इस सप्ताह मुख्यतः शुष्क मौसम और साफ़ आसमान के साथ सुबह की धुंध और कुहासा शुरू हो जाएगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। सप्ताह के मध्य भागों में बारिश की गतिविधियां सबसे अधिक होंगी। पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में सप्ताह के आखिर में हल्की बारिश होने की संभावना है।
पूर्व और पूर्वोत्तर भारत
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सप्ताह भर मौसमी गतिविधियां संभव हैं। हालांकि सप्ताह के मध्य तक बारिश की गतिविधियां ज़्यादा होंगी। बंगाल की खाड़ी पर बना निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूरे पूर्वोत्तर भारत में व्यापक बारिश दर्ज की जाएगी। इन क्षेत्रों में कई स्थानों पर गरज के साथ भारी बारिश की संभावना है। कुछ इलाकों में बिजली गिरने की भी आशंका है।
मध्य भारत
ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सप्ताह के पहले भाग में व्यापक बारिश होने की संभावना है। इन भागों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का भी अनुमान है। सप्ताह के दूसरे भाग में बारिश की गतिविधियां पश्चिम की तरफ बढ़ जाएंगी और मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में वर्षा देखने को मिलेगी। सप्ताह के अंत में गुजरात और कोंकण गोवा में हल्की वर्षा संभावित है।
दक्षिण प्रायद्वीप
दक्षिण भारत मौसम की गतिविधियां मुख्यतः केरल और कर्नाटक तक ही सीमित रहेंगी। बाकी हिस्सों में एक-दो स्थानों पर वर्षा इस सप्ताह देखने को मिलेगी। हालांकि उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में सप्ताह के पहले भाग में कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। केरल, तमिलनाडु और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक के भागों में 9 और 10 अक्टूबर को गरज के साथ कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश होने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली-एनसीआर से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2020 पहले ही विदा हो चुका है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस सप्ताह आमतौर पर सुबह के समय हल्की धुंध जबकि दिन में तेज़ धूप रहने की संभावना है। दोपहर के समय मौसम गर्म होगा और हवा चलती रहेगी। दिन और रात का तापमान क्रमशः 35 और 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
चेन्नई
चेन्नई में सप्ताह के शुरुआती दिनों में आसमान में बादल छाए रहेंगे। सप्ताह के मध्य भाग से मौसम बदलेगा और हल्की बारिश की उम्मीद रहेगी। दिन और रात का तापमान क्रमशः 36 और 25 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास रहेगा।
दिल्ली प्रदूषण
दिल्ली प्रदूषण में धीरे-धीरे हल्की वृद्धि शुरू हो गई है। आज दिल्ली का ओवर ऑल AQI 150 के आसपास पहुँच गया।
दिल्ली और एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिम भारत के क्षेत्रों पर अब प्रदूषण की काली छाया अपना प्रभाव जमाने वाली है। पाकिस्तान से सटे पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से पराली जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। पराली से उठने वाला धुआँ उत्तर-पश्चिम दिशा से बह रही हवाओं के साथ दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर-पश्चिम भारत के भागों में पहुँचने लगा है। यही कारण है कि हवाओं में प्रदूषण अधिक हो गया है।
हवाएं एक बार फिर से 8 अक्टूबर से तेज़ हो जाएंगी जिससे प्रदूषक कणों के बिखराव से वायु गुणवत्ता सूचकांक कुछ बेहतर होगा। और यह स्थिति अगले 4 से 5 दिनों तक जारी रहेगी। इसलिए कम से कम 15 अक्टूबर तक दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण में बहुत अधिक वृद्धि की आशंका फिलहाल नहीं है। उसके बाद, न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण सुबह के समय धुंध और कुहासा बढ़ने लगेगा जिससे प्रदूषक कण हवाओं में अधिक समय तक टिक सकते हैं और प्रदूषण में व्यापक वृद्धि हो सकती है।
कोविड 19 महामारी से लड़ रही दुनिया को इस समय कोई भी विपरीत स्थितियाँ और परेशान कर सकती हैं। दिल्ली में अक्टूबर से फरवरी के बीच होने वाला वायु प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियाँ लेकर आता है और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन जाता है। कोविड वायरस भी सांस पर ही हमला करता है। यानि आने वाले समय में दिल्ली वालों को दोहरी लड़ाई लड़नी है।
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