राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पिछले कई दिनों से ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं की गिरफ्त में है। दिन और रात का तापमान सामान्य से 4 डिग्री तक नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है। दिल्ली के अलावा इसके आसपास के शहरों में भी शीतलहर जैसे हालात बने हुए हैं। लेकिन अब स्थितियां बदल रही है क्योंकि पश्चिमी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है जिसके कारण दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हवाओं का रुख बदल गया है।
पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान 5 डिग्री और अधिकतम 21 डिग्री रहा। अब इसमें वृद्धि होगी क्योंकि उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाओं की जगह अपेक्षाकृत कम ठंडी दक्षिण-पश्चिमी हवाएं चलने लगी हैं। अनुमान है कि अगले 24 घंटों में हवा की दिशा पूरी तरह बदल कर दक्षिण-पूर्वी हो जाएगी। यह हवाएँ आर्द्र होंगी जिसके कारण दिल्ली एनसीआर में दिन और रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज जा सकती है। 31 जनवरी और 1 फरवरी को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22-23 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया जा सकता है।
हालांकि उत्तर के पहाड़ों से जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में जाएगा, उत्तर से ठंडी हवाएं फिर से चलनी शुरू होंगी जिससे न्यूनतम तापमान गिरकर फिर से 7 या 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुँच सकता है। लेकिन यह गिरावट 2 दिनों तक होगी उसके बाद 4 फरवरी से 7 फरवरी के बीच फिर से तापमान में बढ़ोत्तरी के आसार हैं, जब पारा सामान्य से ऊपर 10 डिग्री या उससे भी अधिक दर्ज किया जा सकता है। इस दौरान 5 फरवरी को राजधानी में कुछ स्थानों पर बादलों की गरज के साथ बारिश के भी आसार हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 7 फरवरी को अगले पश्चिमी विक्षोभ के आगे निकलने के बाद बर्फीली उत्तर-पश्चिमी हवाओं का झोंका उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में वापसी करेगा जिससे राजधानी दिल्ली ही नहीं गाज़ियाबाद, फ़रीदाबाद, गुरुग्राम में फिर से शीतलहर जैसे हालात बनेंगे। उस दौरान तापमान गिरकर 7 डिग्री के आसपास आ जाएगा।
इस बीच राजधानी दिल्ली में प्रदूषण फिर से बढ़ गया है। कई स्थानों पर यह बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 या उससे भी अधिक रिकॉर्ड किया गया है। कुछ स्थानों पर तस्वीर बेहतर रही लेकिन ज्यादातर हिस्सों में अगले दो-तीन दिनों के दौरान प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच सकता है, जिससे आपको बचने की ज़रूरत है। बच्चों का विशेष ध्यान रखना होगा।
Image credit: Creativity Workshop
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।