साल 2019 के मॉनसून सीज़न में हुई ज़बरदस्त बारिश के चलते भारत में बंपर खाद्यान्न उत्पादन होने का अनुमान है। फसल वर्ष 2019-20 में भारत में पिछले फसल वर्ष के मुकाबले 2.3% अधिक 292 मिलियन टन का खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। यह भारतीय कृषि के इतिहास में सबसे अधिक पैदावार है।
सभी खाद्यान्नों में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार का अनुमान लगाया गया है। आंकलन है कि गेहूं की पैदावार 106 मिलियन टन के स्तर पर पहुंच सकती है। उत्पादन अनुमान में गेहूं के अलावा अन्य फसलों के भी रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना जताई गई है।
English version: Country sees an all-time record grain production for the fourth consecutive year
वर्ष 2019 के मॉनसून सीजन में जून से लेकर सितंबर तक के 4 महीनों की अवधि में भारत में दीर्घावधि औसत की तुलना में 10% ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई थी। औसत से अधिक बारिश के चलते भारत का पूरे फसल चक्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। न सिर्फ खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ा है बल्कि मिट्टी में उपयुक्त नमी से गेहूं सहित रबी फसलों के उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया गया है।
वर्ष 2016-17 के बाद से यह लगातार चौथा साल है जब साल-दर-साल देश में कृषि पैदावार बढ़ी है। देश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 2019-20 की बुवाई शुरू होने से पहले भारत में 291 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया था। जबकि आखिरी संशोधित उत्पादन अनुमान में इस लक्ष्य बढ़ाकर 292 मिलियन टन कर दिया गया है।
स्काईमेट के कृषि विशेषज्ञों के अनुसार रबी फसलों की कटाई-मड़ाई के बाद इस अनुमान में कुछ संशोधन हो सकता है लेकिन यह लगभग तय है कि जो आखरी अनुमान जारी किया गया है उससे कम उत्पादन नहीं होगा। भारत का कृषि मंत्रालय फसलों के उत्पादन के लिए चार अग्रिम अनुमान जारी करता है। उसके बाद अंतिम अनुमान जारी किया जाता है जिसे फाइनल माना जाता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि चौथा अग्रिम अनुमान कमोबेश फाइनल अनुमान के बराबर ही होता है।
Image credit: Live Mint
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