उत्तर भारत के क्षेत्र में जैसा अनुमान था, भीषण सर्दी का प्रकोप लंबे समय से देखने को मिल रहा है। वर्ष 2020 के आखिरी दिन राजस्थान के चुरू, पंजाब के भटिंडा और हरियाणा के नारनौल में तापमान फ्रीजिंग पॉइंट यानी जमाव बिंदु पर पहुंचा। नारनौल में जहां -0.5 डिग्री और सीकर तथा भटिंडा में 0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं चुरू में सर्दी का और कठोर रूप देखने को मिला जहां पारा शून्य से 1.3 डिग्री सेल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया।
चूरू और सीकर समेत राजस्थान के उत्तरी शहरों तथा हरियाणा के हिसार में इससे पहले भी शून्य तथा शून्य से नीचे तापमान रिकॉर्ड किए जाते रहे हैं। राजस्थान के पिलानी और पंजाब के अमृतसर में भी शून्य से नीचे तापमान जाते-जाते रह गया। इन दोनों शहरों में क्रमशः 0.2 डिग्री सेल्सियस और 0.4 डिग्री सेल्सियस सबसे कम तापमान इस सीजन में दर्ज किया गया। यह उन क्षेत्रों के तापमान हैं जहां पर तापमान रिकॉर्ड किए जाने की सुविधा उपलब्ध है जबकि उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में ऐसे भी कई स्थान हैं जहां कई दिनों से शून्य से नीचे चले रहे तापमान ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंजाब हरियाणा से लेकर दिल्ली तथा राजस्थान के कई इलाकों में भीषण सर्दी का कहर जारी है। कपूरथला, आनंदपुर साहिब, अंबाला, करनाल और चंडीगढ़ उन स्थानों में रहे जहां पर 31 दिसंबर को अधिकतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सफदरजंग में 31 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4 डिग्री कम है। अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस रहा। दूसरी ओर पालम में स्थितियां और सख्त थीं जहां दिन में पारा सामान्य से 5 डिग्री कम 14.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में इस प्रचंड सर्दी से कुछ राहत जल्द मिलने की संभावना नजर आने लगी है क्योंकि 2 जनवरी से इन भागों में हवाओं का रुख बदलेगा, आंशिक बादल छाएंगे, कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां शुरू होंगी। 3 से 6 जनवरी 2021 के बीच कई जगहों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर तेज वर्षा तथा ओलावृष्टि होने की संभावना है।
बारिश समेत मौसम में होने वाले इस बदलाव के चलते जहां सुबह और रात के तापमान में वृद्धि होने से भीषण सर्दी से लोगों को कुछ राहत मिलेगी वहीं दिन में कड़ाके की सर्दी का अनुभव आने वाले दिनों में किया जा सकता है क्योंकि अधिकतम तापमान में गिरावट होने की संभावना है। यानि इस सीजन की सर्दी ने अब तक जो रूप दिखाया है उससे भी सख्त प्रदर्शन उसका होना अभी बाकी है।
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