राजस्थान देश का सुदूर उत्तर-पश्चिमी राज्य है, जहां मॉनसून सबसे देर से पहुंचता है। खासकर राज्य के पश्चिमी इलाकों में मॉनसून के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता है। विडम्बना यह है कि देर से पहुँचने के बाद भी राजस्थान के लोगों को अच्छी बारिश नहीं मिलती है। आमतौर पर मॉनसून 15 जुलाई तक राजस्थान को पार कर जाता है। लेकिन इस बार मॉनसून की सुस्त रफ्तार के कारण राजस्थान की हालत और पस्त हो गई है।
मॉनसून में 17 जुलाई को कुछ प्रगति हुई और उत्तरी राजस्थान में गंगानगर तथा चुरू तक पहुँच गया। उत्तरी भागों में लंबी प्रतीक्षा के बाद चुरू, गंगानगर, भरतपुर, झुञ्झुणु में बारिश भी शुरू हुई। लेकिन पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी भागों में बारिश के लिए लोग अभी भी तरस रहे हैं।
पश्चिमी राजस्थान के सबसे कम बारिश वाले शहरों में बारिश के आंकड़े नीचे टेबल में दिए गए हैं:
पूर्वी राजस्थान में सामान्य से अधिक वर्षा वाले शहरों के नाम नीचे की टेबल में देख सकते हैं:
इसमें पूर्वी राजस्थान में सामान्य से 6% अधिक बारिश हुई है लेकिन पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 49% कम बारिश अब तक हुई है। ऐसा नहीं है कि पूर्वी राजस्थान के सभी इलाकों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जयपुर, अलवर, सिरोही सहित कई इलाके ऐसे हैं जहां बेहद कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
पूर्वी राजस्थान के जिन शहरों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है, वह आंकड़ों में है क्योंकि बारिश का संतुलित वितरण नहीं रहा है और कुछ ही दिनों में मूसलाधार बारिश के कारण आंकड़े तेज़ी से ऊपर चले गए थे। यह बारिश जुलाई के शुरुआती दिनों में देखने को मिली थी।
मॉनसून की प्रगति
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य समय से पीछे चल रहा है। हालांकि 17 जुलाई को मॉनसून में प्रगति हुई और यह उत्तरी भागों में चुरू, हनुमानगढ़ और गंगानगर में पहुँच गया है। जबकि बाड़मेर और जोधपुर तक मॉनसून की उत्तरी सीमा पहले ही पहुँच गई थी।
उत्तरी भागों में मॉनसून के आगे बढ़ने के साथ ही बारिश भरतपुर, झुञ्झुणु, चुरू, श्रीगंगानगर सहित आसपास के शहरों में 16 जुलाई से हल्की मॉनसून वर्षा शुरू हुई है। अगले 24 घंटों तक इन भागों में हल्की बारिश कुछ स्थानों पर जारी रहने की संभावना है। लेकिन जैसलमर, बाड़मेर, जोधपुर सहित पश्चिमी शहरों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा।
Image credit: Tour My India
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