देश के पश्चिमी राज्य राजस्थान में अगस्त की शुरुआत से ही अच्छी मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां हो रही हैं। एक के बाद एक बन रहे मॉनसूनी सिस्टमों के चलते बड़े मरुस्थल भू-भाग वाले इस राज्य के कई इलाकों में व्यापक वर्षा दर्ज की जा रही है। हालांकि बारिश राज्य के सभी भागों में एक साथ नहीं हो रही है लेकिन कभी किसी इलाके में तो कभी किसी भाग में हो रही बारिश राज्य में होने वाली सामान्य वर्षा से अधिक है और कहा जा सकता है कि इस बारिश से राज्य में पानी की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में काफी हद तक सक्षम है।
इस वर्ष अब तक राजस्थान में सामान्य से 26 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। इससे राज्य की गिनती अत्यधिक वर्षा वाले स्थानों में हो रही। आमतौर पर समूचे राजस्थान में कभी भी एक साथ भारी मॉनसूनी बारिश नहीं होती है। हाल ही में राज्य के आसपास बने मौसमी सिस्टमों के चलते राजस्थान में मॉनसून पूरे चरम पर रहा जिससे चित्तौड़गढ़ में भीषण 229 मिलीमीटर वर्षा 24 घंटों की अवधि में देखने को मिली।
इसके अलावा रविवार के सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान श्रीगंगानगर में 46 मिलीमीटर, बीकानेर में 44 मिलीमीटर, अजमेर में 19 और जोधपुर में 5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी भागों और आसपास के भागों पर हवाओं में बने चक्रवाती क्षेत्र और बीकानेर तथा जयपुर से गुज़र रही मॉनसून की अक्षीय रेखा के चलते यहाँ मॉनसून की मेहरबानी देखने को मिल रही है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार राजस्थान के भागों में अगले 24 घंटों के दौरान भी मॉनसून मेहरबान रहेगा और रुक-रुक कर अलग-अलग हिस्सों में वर्षा जारी रहेगी। राज्य के पूर्वी भागों में बारिश की तीव्रता सबसे अधिक रहने की संभावना है।
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