2020 में जनवरी के महीने में पश्चिमी विक्षोभ की एक श्रृंखला देखी गई है, जिसके कारण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर-पश्चमी मैदानी इलाकों में व्यापक वर्षा दर्ज की गई है। इसके चलते, हम ये कह सकते है की जनवरी में पिछले कई सालों के मुक़ाबले में सबसे अधिक बारिश देखी गई।
पिछले कुछ दिनों से, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बना हुआ है। उम्मीद है कि गणतंत्र दिवस पर भी मौसम साफ रहेगा। हालांकि, सप्ताह शुरू होते ही बारिश भी एक बार फिर आरंभ हो जाएगी।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, एक ताज़ा पश्चिमी विक्षोभ कल शाम, यानि सोमवार तक पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करना शुरू कर देगा। इससे प्रेरित, चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी मैदानी इलाकों पर देखा जाएगा। इसके चलते, 27 जनवरी की देर शाम तक, उत्तरी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में गरज के साथ छिटपुट बारिश शुरू होने के आसार हैं।
28 जनवरी की सुबह तक, गरज के साथ बारिश की तीव्रता तथा प्रसार काफी बढ़ जाएगा और अपने चरम पर होगा। पंजाब, हरियाणा और उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में हल्की से माध्यम बारिश के साथ एक दो जगह पर भारी वर्षा होने की संभावना है। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में भी कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश हो सकती है।
29 जनवरी की सुबह तक, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में बारिश की गतिविधियाँ कम होने लगेंगी। हालांकि, जैसे ही सिस्टम पूर्व की ओर बढ़ेगा, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी।
इन मौसमी प्रणाली के करीब आने के साथ ही, हवाओं की दिशा में बदलाव आएगा, जो की मध्यम एवं ठंडी उत्तरपश्चिमी हवाओं के प्रवाह को रोक देगा। हवाएँ अब दक्षिण-पूर्वी दिशा से बहेंगी, जो तुलनात्मक रूप से गर्म, आर्द्र और गति में धीमी होंगी। अब जैसे-जैसे हवाओं की गति कम होती जाएगी, हम उत्तरपश्चिमी मैदानी स्थानों पर मध्यम कोहरा देख सकते हैं।
इसके चलते, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी न्यूनतम वृद्धि की संभावना है।
30 जनवरी तक मौसम साफ होने की उम्मीद है। इस प्रकार, उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ एक बार फिर दिल्ली और एनसीआर सहित उत्तरी मैदानों में बहने लगेंगी। चूंकि ये हवाएं प्रकृति में सर्द होंगी, इसलिए न्यूनतम तापमान फिर से 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी जाएगी।
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