दिल्ली और आसपास के शहरों के साथ-साथ उत्तर भारत के अन्य मैदानी राज्यों में इस समय दिन और रात के तापमान सामान्य से काफी अधिक बने हुए हैं जिससे इन भागों में सर्दी कहीं ग़ायब सी हो गई लगती है। आमतौर पर दिसम्बर के आखिरी सप्ताह से लेकर जनवरी के शुरुआती 10 दिनों में दिल्ली में सबसे अधिक सर्दी पड़ती है क्योंकि इसी दौरान राजधानी का तापमान काफी नीचे पहुँच जाता है।
हालांकि इस वर्षा पीक सर्दी का समय ख़त्म होने को है और अभी तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड की प्रतीक्षा बनी हुई है। लेकिन हमारे पास दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर है। इस समय उत्तर भारत के पर्वतीय भागों को एक सक्षम पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित कर रहा है। इसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान और उससे सटे उत्तर भारत के मैदानी राज्यों पर बना चक्रवाती सिस्टम दिल्ली में बारिश देगा।
पंजाब में कुछ स्थानों पर पहले ही बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। यह सिस्टम क्रमशः पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेंगे जिससे दिल्ली सहित शेष मैदानी राज्यों में 6 जनवरी की देर रात या 7 जनवरी की सुबह से बारिश की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। बारिश कम से कम 24 घंटों की आवधि के लिए बनी रहेगी जिससे शनिवार को दिन के तापमान में व्यापक कमी आएगी।
इन सिस्टमों के आगे बढ़ने और बारिश कम होने के पश्चात उत्तर के मैदानी राज्यों में उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाओं का झोंका आएगा जिससे दिल्ली में कड़ाके की ठंड का प्रभाव देखने को मिलेगा। उत्तर भारत में बीते कुछ दिनों की लगातार बर्फबारी के चलते उत्तर-पश्चिम से आने वाली बर्फीली हवाओं के प्रभाव से सर्दी एक बार जमकर अपना प्रभाव दिखाएगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 10 और 12 जनवरी के बीच दिल्ली में न्यूनतम तापमान गिरकर 5 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। जबकि इस समय न्यूनतम तापमान 11-12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया जा रहा है। इस सप्ताह के आखिर की बारिश से आने वाले सप्ताह के शुरुआती दिनों में कड़ाके की ठंड की व्यापक संभावना है। और यही इस साल सर्दी की अवधि में दिल्ली में अब तक पड़ी ठंडी का सबसे शीतल दौर भी माना जा सकता है।
Image credit: Prokerala
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