इस समय पूर्वी भारत के भागों पर बारिश का मौसम बना हुआ है। जिस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र ने उत्तर भारत के मैदानी राज्यों और उत्तरी मध्य प्रदेश में बारिश दी थी वही सिस्टम इस समय उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, इससे सटे उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर है। यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाओं को पूर्वी भारत और इससे सटे मध्य भारत के कुछ भागों की तरफ खींच रहा है जिसके कारण उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में कहीं-कहीं गरज के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना।
इन भागों में बारिश की गतिविधियां अगले 24 घंटों तक संभावित हैं क्योंकि 24 घंटों तक ही यह मौसमी सिस्टम भी प्रभावी रहेगा। 7 फरवरी से यह कमजोर हो जाएगा और उत्तर भारत के मैदानी राज्यों की तरह ही बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियां लगभग बंद हो जाएंगी।
बारिश का मौसम बंद होने के बाद जिस तरह से उत्तर भारत में उत्तरी और उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं अपना प्रभाव दिखाने लगाई हैं उसी प्रकार पूर्वी भारत के राज्यों पर भी यह हवाएं अपना असर दिखाएंगी और कुछ स्थानों पर तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जाएगी। कहीं-कहीं पर पारा सामान्य से नीचे पहुंच सकता है। हालांकि पश्चिमी दिशा से आने वाली हवाओं के चलते आसमान पूरी तरह साफ हो जाएगा और सुबह तथा रात के समय छोड़कर बाकी अवधि के दौरान साफ मौसम के कारण धूप अच्छी होगी जिससे दिन के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज किए जाने की संभावना है।
1 जनवरी से 6 फरवरी के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 95% कम महज़ 0.7 मिमी बारिश हुई है। इसी तरह से बिहार में सामान्य से 99% कम 0.2 मिमी, झारखंड में 93% कम 1 मिमी, पश्चिम बंगाल में सामान्य से 95% कम 0.8 मिमी और छत्तीसगढ़ में 83% कम 2.2 मिमी बारिश हुई है। यानि समूचे पूर्वी भारत में इस साल 1 जनवरी से अब तक बारिश ना के बराबर हुई है।
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