उत्तर भारत के पहाड़ों से लेकर मैदानी राज्यों तक अधिकांश जगहों पर बीते 24 घंटों के दौरान बारिश दर्ज की गई है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में विशेषकर श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग, शिमला, मनाली, मंडी, डलहौजी और धर्मशाला में बारिश के साथ बर्फबारी भी हुई है। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में पठानकोट से लेकर अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, चंडीगढ़, करनाल, अंबाला, हिसार, रोहतक, कुरुक्षेत्र और पानीपत में इसी दौरान गरज के साथ बौछारें देखने को मिलीं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी फरवरी महीने की पहली बारिश हुई। बीते चौबीस घंटों के दौरान सफदरजंग में 0.5 मिलीमीटर और पालम में 0.8 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
उत्तर भारत के भागों में मौसम में यह बदलाव जम्मू कश्मीर के पास बने पश्चिमी विक्षोभ और इसके प्रभाव से उत्तरी राजस्थान तथा हरियाणा पर सक्रिय चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते देखने को मिला है। बारिश की यह गतिविधियां आज भी जारी रहेंगी। हालांकि दोपहर के समय में कुछ ब्रेक मिल सकता है, लेकिन आज शाम या रात के समय फिर से मौसम बिगड़ सकता है और कुछ स्थानों पर अचानक वर्षा हो सकती है। जैसा कि अनुमान लगाया गया था मौसम में इस बदलाव के कारण समूचे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप खत्म हो गया है। अमृतसर, चंडीगढ़, अंबाला तथा दिल्ली समेत लगभग सभी शहरों में न्यूनतम तापमान बढ़ते हुए दहाई अंक को पार कर गया, यानी न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से ऊपर रिकॉर्ड किया गया।
शुक्रवार, 5 फरवरी से उत्तर भारत के भागों से मौसम फिर साफ होने लगेगा। मौसम में बदलाव की शुरुआत सबसे पहले जम्मू कश्मीर और पंजाब में देखा जाएगा। हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से भी इन मौसमी सिस्टमों का प्रभाव कल दोपहर या शाम तक खत्म हो जाएगा और मौसम साफ हो जाएगा। राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद में भी कल दोपहर से मौसम साफ होने और धूप खिलने की संभावना है।
बारिश देने वाले मौसमी सिस्टमों के कमजोर होते ही उत्तर भारत पर फिर से उत्तरी और उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाओं के दस्तक देने की संभावना है। इन हवाओं का प्रभाव पंजाब, हरियाणा और उत्तर पश्चिमी राजस्थान के भागों में सबसे पहले देखने को मिलेगा और उम्मीद है कि 5 फरवरी से इन भागों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाकी इलाके भी धीरे-धीरे सर्द हवाओं की चपेट में आएंगे। उम्मीद है कि 6 फरवरी से न्यूनतम तापमान में 4-6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है और अगले तीन-चार दिनों तक यानी 10 फरवरी तक सर्द हवाओं का प्रभाव बना रहेगा।
शीतलहर के साथ-साथ कोहरे की भी वापसी हो सकती है। इसी दौरान उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और गंगा के मैदानी क्षेत्रों में कई क्षेत्र ऐसे हो सकते हैं जहां पर घना कोहरा रफ्तार पर ब्रेक लगा सकता है। कोहरा 6 से 10 फरवरी के बीच रेल, सड़क और हवाई यातायात को कुछ समय के लिए बाधित कर सकता है। लेकिन अच्छी खबर उत्तर भारत के लिए यह है कि आगामी सप्ताह किसी भी विपरीत मौसमी स्थिति से मुक्त रहेगा और सामान्य सर्दी, सामान्य धूप, सामान्य मौसम देखने को मिलेगा।
Image credit: JandK Now
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