मध्य प्रदेश में मॉनसून 2019 से ज़बरदस्त बारिश का जो सिलसिला शुरू हुआ है वो अब तक ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पोस्ट मॉनसून सीज़न (अक्टूबर-दिसम्बर) तक पश्चिमी मध्य प्रदेश में अधिक बारिश हुई थी जबकि नए साल में यानि 1 जनवरी 2020 से अब तक पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश हुई है।
बारिश के आंकड़ों पर नज़र डालें तो 1 जनवरी 2020 से 9 फरवरी 2020 के बीच पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य से 42% ज़्यादा 12.2 मिमी बारिश हुई है जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 88% अधिक 40.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर रहा, जहां इसी दौरान सामान्य से 237% अधिक 50 मिमी बारिश हुई।
मध्य भारत के दोनों राज्यों में बीते कुछ दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही थी। खासतौर पर पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के शहरों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल रही थीं। मध्य भारत के इन्हीं भागों पर कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन बन रहा था। यहीं पर बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ आ रहीं थीं और उत्तर भारत से शुष्क हवाएँ पहुँच रहीं थीं, जिससे बारिश हो रही थी।
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मध्य भारत पर अब हवाएँ बदल रही हैं। दरअसल कोन्फ़्लुएन्स ज़ोन अब दक्षिण की तरफ चला गया है यही वजह है कि पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 10 फरवरी से मौसम शुष्क हो जाएगा। मौसम में बदलाव के साथ उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ इन दोनों राज्यों पर बढ़ेंगी जिससे रात के तापमान में कमी आएगी जबकि दिन का तापमान बढ़ेगा क्योंकि बादलों के छंटने के बाद धूप को मौका मिलेगा अपना असर दिखने का।
इस समय मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अधिकतर रबी फसलें विकास करने की अवस्था में हैं ऐसे में शुष्क और साफ मौसम ही फसलों के लिए लाभकारी होगा।
Image credit: Patrika
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