बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों में पिछले कई दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। वास्तव में, बिहार और गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में पिछले सप्ताह लू की स्थिति देखी गई। पिछले 24 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश हुई। अगले 24 से 48 घंटों में पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में और बारिश होने की उम्मीद है। ये बारिश चक्रवात मोचा के मद्देनजर हुई है।
15 या 16 मई से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधियां शुरू होने की उम्मीद है। इन बारिश का कारण एक ट्रफ होगी जो उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से पश्चिम बंगाल तक फैलेगी।
इसके अलावा, पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। पूर्वी भारत में आखिरी बारिश अप्रैल के आखिरी सप्ताह में हुई थी जो मई के पहले सप्ताह तक जारी रही। यह आगामी वर्षा बहुत अधिक तीव्र होगी। बिजली गिरने के साथ तेज बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। पूर्व-मानसून मौसम के दौरान पूर्वी भारत में गड़गड़ाहट और बिजली सामान्य मौसम कारक हैं।
तेज आंधी और गरज के साथ बौछारें स्थानीय बोलचाल में काल-बैसाखी के रूप में जानी जाती हैं। मौसम की ये गतिविधियाँ कम से कम अगले 7 से 8 दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। तापमान में कमी आएगी और उमस भरी गर्मी से राहत मिलेगी।