मध्य भारत के कई राज्यों पर इस समय बारिश के लिए मौसमी स्थितियां अनुकूल बनी हैं। एक साथ कई मौसमी सिस्टम सक्रिय हो गए हैं जिसके कारण पूर्वी मध्य प्रदेश, दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में बीते 24 घंटों में वर्षा दर्ज भी की गई है।
इन भागों में बारिश में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। उम्मीद है कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के तमाम दक्षिणी इलाकों में विशेष रूप से दक्षिण-पूर्वी शहरों, झारखंड के पश्चिमी भागों, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। इस दौरान बारिश के साथ बादलों की तेज़ गर्जना और कहीं-कहीं पर तेज़ बारिश के बीच ओलावृष्टि की भी आशंका है। इन सभी क्षेत्रों में वर्षा की गतिविधियां 17 फरवरी तक जारी रह सकती हैं।
18 फरवरी से उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में बारिश की संभावना कम हो जाएगी और मौसम साफ होने लगेगा। जबकि झारखंड छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधियां कम से कम 19 फरवरी तक जारी रहेंगी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक विपरीत चक्रवाती क्षेत्र ओडिशा के ऊपर बना हुआ है। साथ ही महाराष्ट्र के विदर्भ पर इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी सक्रिय है। इस चक्रवाती सिस्टम से केरल तक एक ट्रफ बनी हुई है। इन सभी मौसमी सिस्टमों का संयुक्त प्रभाव देखने को मिल रहा है और उम्मीद है कि यह सिस्टम अगले 3 दिनों तक सक्रिय रहेंगे जिससे मध्य और पूर्वी भारत के कई शहरों में यह बारिश होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के विदर्भ तथा मराठवाड़ा के अधिकांश इलाकों में इस साल सर्दियों में औसत से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। यह बारिश इस कमी की भरपाई कुछ हद तक कर सकती है। लेकिन इस बारिश से खेती और किसानों के लिए चिंता पैदा हो सकती है क्योंकि तेज़ हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि फसलों की वर्तमान स्थिति के लिए अनुकूल नहीं है बल्कि इससे फसलों को नुकसान पहुँच सकता है।
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