जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इस बार अच्छी बारिश देखने को मिल रही है। इसकी वजह है अब तक कश्मीर के करीब से होकर गुजर रहे पश्चिमी विक्षोभ। आमतौर पर मार्च और अप्रैल में अच्छी बारिश देने वाले पश्चिमी विक्षोभ मई आते-आते हायर एल्टीट्यूड से आगे निकलने लगते हैं जिससे उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां काफी कम हो जाती हैं।
लेकिन साल 2019 में मौसम का अलग ही मिजाज़ देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि मई में भी बर्फबारी की घटनाएं कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही है, जो आश्चर्यजनक है। बीते 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। साथ में तेज हवाएं भी चलीं हैं।
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बारिश देने वाला पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे निकलते हुए कमजोर हो गया है। इसके कारण आज उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में मौसम अपेक्षाकृत शुष्क रहेगा। इसी चलते अगले 24 घंटों के दौरान तापमान में व्यापक बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। लेकिन यह बढ़ोतरी कुछ ही समय के लिए होगी क्योंकि कल से एक नया प्रभावी पश्चिम विक्षोभ फिर से उत्तर भारत के भागों को प्रभावित करेगा।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ भारत के पहाड़ी राज्यों की ओर आता दिखाई दे रहा है, जो अभी उत्तरी अफगानिस्तान पर पहुंचा है। इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान के मध्य भाग पर है। यह दोनों सिस्टम उत्तर पूर्वी दिशा में आगे बढ़ेंगे जिसके कारण भारत के पर्वतीय राज्यों में 26 मई की शाम से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलेंगी। मौसम में यह बदलाव सबसे ज्यादा कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के उत्तरी भागों में देखने को मिलेगा। गुलमर्ग, अनंतनाग, श्रीनगर, लाहौल-स्पीति, मनाली, कुल्लू, बद्रीनाथ, केदारनाथ और चमोली जैसे उत्तरी शहरों में बारिश की संभावना ज्यादा है। इन राज्यों के दक्षिणी भागों में अपेक्षाकृत कम बारिश होगी।
आपको बता दें कि शुक्रवार को हुई तेज बारिश के कारण उत्तराखंड में होने वाली चार धाम यात्रा प्रभावित हुई थी और केदारनाथ तथा बद्रीनाथ जाने वाले यात्री कई जगहों पर मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण फंसे थे।
Image credit: Siasat
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