मॉनसून आने से पहले देश भर में चिंता, उत्सुकता और असमंजस अपने चरम पर होता है। दक्षिण भारत में केरल में मई के आखिर में दस्तक देने के बाद मॉनसून अपनी सामान्य गति से फिलहाल आगे बढ़ रहा है। इससे पहले होने वाली बारिश भी कई जगहों पर बड़ी राहत से कम नहीं है। इस बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में बीते 2 दिनों से बादल छाए हुए हैं और कहीं-कहीं बारिश देखने को मिल रही है।
बीते 24 घंटों के दौरान गोरखपुर में 50 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसके आसपास के भागों में भी हल्की बारिश दर्ज की गई है। उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों पर बने एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र और यहाँ से असम तक बनी ट्रफ के चलते इन भागों में मौसम की सक्रियता देखने को मिल रही है।
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बंगाल की खाड़ी से पूर्वी भारत के राज्यों और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में नम हवाओं का प्रवाह बना हुआ है जिससे यहाँ बादल देखे जा रहे हैं। इन नम हवाओं के चलते मॉनसून के आगमन से पहले उमस बढ़ गई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में अगले 24 से 48 घंटों तक बारिश के लिए मौसम अनुकूल बना रहेगा। इस दौरान गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, गोंडा और आसपास के भागों में कुछ स्थानों पर गरज और हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जा सकती है। बरेली और रामपुर में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश होने के आसार हैं।
कानपुर, बांदा, इलाहाबाद और वाराणसी सहित राज्य के दक्षिणी जिलों में अगले 2 दिनों तक भीषण गर्मी से राहत के आसार फिलहाल नहीं हैं। इन भागों में कहीं-कहीं बादल भले ही दिखाई देंगे लेकिन राहत की बारिश की उम्मीद कम है। हालांकि इन जिलों में बारिश का इंतज़ार जल्द खत्म होने के संकेत मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों में 19 जून से बारिश का दायरा बढ़ेगा और उसके 24 घंटों के बाद राज्य के सभी इलाकों में वर्षा होने के आसार हैं।
Image credit: The Financial Express
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