पंजाब और हरियाणा उत्तर-पश्चिम भारत के दो ऐसे राज्य हैं, जिसमें जिनमें दक्षिणपश्चिम मानसून के पश्चात बारिश नहीं होती है। लेकिन सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के आगमन के साथ इन राज्यों में सर्दियों की बारिश होती है। अक्सर किसी शक्तिशाली पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान क्षेत्र में हवाओं का चक्रवात विकसित होता है।
हालांकि इस सर्दी के मौसम में, हरियाणा में मौसम लगभग शुष्क रहा है। पंजाब में भी कुछ ऐसा ही नज़ारा देखा गया परन्तु उत्तरी जिलों में कभी-कभी एक दो जगहों पर वर्षा की गतिविधि देखने को मिली।
असल में, अब तक, केवल दो सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ देखें गए है। नवंबर की शुरुआत के दौरान पहला और नवंबर के मध्य में दूसरा विक्षोभ ने उत्तर भारत की पहाड़ियों पे अच्छी वर्षा और बर्फ़बारी देखी गयी। दोनों बार, हरियाणा के एक दो जगहों पर तथा पंजाब के कुछ हिस्सों में हलकी बारिश हुई।
अब एक और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ ने उत्तर भारत पर दस्तक दी है, जिसके चलते उत्तर राजस्थान और उससे सटे हुए पंजाब और हरियाणा पर हवाओं का चक्रवात देखा जा सकता है।
इस प्रणाली ने पंजाब के उत्तरी हिस्सों में हल्की बारिश दे चुकें है। सोमवार को 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों में अमृतसर में 1 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद पठानकोट 0.8 मिमी।
प्रणाली के चलते, 12 दिसंबर तक पंजाब और हरियाणा कुछ हिस्सों में बारिश जारी रहने की उम्मीद हैं। अगले 24 घंटों के दौरान, पंजाब के अमृतसर, बरनाला, भटिंडा, चंडीगढ़, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फजिलका, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जलंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, मुक्तासर, पटियाला, रुपनगर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, संगरूर, शहीद भगत सिंह नगर और तरण तारण में बारिश ज़ारी रहेगी।
वहीँ हरियाणा में भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गुड़गांव, हिसार, झज्जर, जिंद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, पानीपत, रेवारी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर जिलों में हल्की बारिश की संभावनाएं भी हैं। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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