मध्य प्रदेश के पूर्वोत्तर हिस्सों से लेकर गंगीय पश्चिम बंगाल तक एक कोन्फ़्लुएन्स जोन विकसित हो रही है। साथ हीं, एक ट्रफ रेखा भी पूर्वी मध्य प्रदेश से मराठवाड़ा होते हुए विदर्भ की ओर बढ़ रही है। इस मौसम प्रणाली के कारण उम्मीद है कि मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में बारिश हो सकती है। जबकि विदर्भ में भी गरज के साथ मध्यम बारिश की संभावना है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में एक दो जगहों पर बारिश दर्ज हुई है। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में वर्षा की गतिविधि के साथ विदर्भ के भी कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दिख सकती है। अगले 48 घंटों के दौरान इन क्षेत्रों में एक या दो जगहों पर मध्यम बारिश जैसी गतिविधियों से इंकार नहीं किया सकता है। विदर्भ में भी हल्की बारिश के आसार हैं। विदर्भ के भागों में भारी बारिश की कोई उम्मीद नहीं है।
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विदर्भ में अब तक मार्च के महीने में अत्यधिक बारिश की कमी है। हालांकि, महाराष्ट्र में यह एकमात्र ऐसा मौसम वाला क्षेत्र है, जहां कुछ बारिश हुई है। अन्यथा बाकी क्षेत्रों जैसे कि मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण और गोवा बारिश के मामले में शुष्क हीं रहे हैं।
स्काईमेट का अनुमान है कि विदर्भ में अगले 48 घंटों के बाद, मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा। वहीं ,पूर्वी मध्य प्रदेश में भी शुष्क मौसम जैसी स्थिति का बनना शुरू हो जाएगा। साथ हीं, इस इलाकों के तापमान में भी 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है।
Image Credit: Hindustan Times
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