महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का मौसम पिछले कई दिनों से लगभग शुष्क बना हुआ है। नवंबर और दिसंबर को दोनों राज्यों के लिए सबसे सूखा महीना माना जाता है। अब चक्रवात मंडौस के अवशेष पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में उभरेंगे, जिससे बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं चलेंगी, जो उत्तर पश्चिम से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में शुष्क और ठंडी हवाओं के साथ परस्पर क्रिया करेंगी। इन हवाओं के संगम से बादलों का निर्माण होगा और बाद में वर्षा होगी।
11 और 12 दिसंबर को विदर्भ, मराठवाड़ा, दक्षिण कोंकण और गोवा और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र के पूर्वी हिस्सों में छिटपुट बारिश हो सकती है। 13 दिसंबर तक उत्तरी मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधियां हो सकती हैं। मुंबई में बादल छाए रहेंगे और अलग-अलग हल्की बारिश होगी। .
12 और 13 दिसंबर को मध्य प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में भी हल्की बारिश हो सकती है। उमरिया, दमोह, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद, खंडवा और खरगोन जैसी जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है। इन बेमौसम बारिश का कृषि समुदाय पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ सकता है। लेकिन दिन के तापमान में कुछ हद तक गिरावट आ सकती है।