पूर्वी भारत के लगभग सभी राज्यों का शुमार वर्षा की कमी वाले राज्यों में है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिम बंगाल तक हालात कमोबेश एक जैसे हैं। इस मामले में सिर्फ अपवाद स्वरुप सिर्फ उड़ीसा को ही बाहर रखा जा सकता है जहां सामान्य औसत से 14% अधिक वर्षा हुई है।
इस बार मौसमी प्रणालियां, जैसे की निम्न दबाव का क्षेत्र या बंगाल की खाड़ी पर विकसित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र, पश्चिम / उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे चले गए। हालांकि उड़ीसा में, अन्य राज्यों की तुलना में, अच्छी वर्षा दर्ज की गई।
जाहिर है ये सिस्टम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पर्याप्त बारिश नहीं कर पाए। इन राज्यों में बारिश की कमी के कारणों में से यह भी मुख्य कारण था। इसके अलावा मानसून की अक्षीय रेखा भी अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में बनी रही।
अब चूंकि मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होते हुये गुजर रही है, इसलिये पिछले दो दिनों से इन राज्यों में वर्षा की गतिविधि में वृद्धि हुई है।
इसके अलावा, ऐसी उम्मीद है की अगले चार से पांच दिनों तक समूचे पूर्वी भारत में अच्छी बारिश जारी रहेगी। हालांकि, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश और उड़ीसा के दक्षिणी जिलों में बारिश की तीव्रता कम होगी।
इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इस सप्ताह के अंत तक पूर्वी भारत में बारिश की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी।