पिछले 24 घंटों में यानि सोमवार सुबह 08:30 बजे से, झारखंड और उत्तरी पश्चिम बंगाल में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज की गई। हालांकि इस दौरान बिहार और पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहा।
झारखंड के पूर्वी हिस्सों से लेकर आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है जिसके कारण मौसम की यह गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। इसके अलावा, बंगाल की खाड़ी से दक्षिण-पूर्वी हवाएँ पूर्वी भारत के भागों पर उत्तर-पश्चिमी हवाओं से मिल रही हैं। इन हवाओं के कारण भी पूर्वी भारत में मौसम बदला है।
स्काईमेट का अनुमान है की आज यानि 2 अप्रैल को बिहार, झारखंड के पूर्वी हिस्सों सहित पश्चिम बंगाल के कुछ स्थानों पर बादल छाएंगे और गर्जना तथा हवाओं के साथ हल्की वर्षा हो सकती है।
जिसके बाद 3 अप्रैल से, पूर्वी भारत के ज़्यादातर भागों में मौसम शुष्क हो जाएगा। हालांकि कहीं-कहीं पर आंशिक बादल बने रहेंगे और झारखंड के पूर्वी हिस्सों में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बारिश भी जारी रह सकती है।
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5 मार्च तक उत्तरी ओडिशा और इससे सटे झारखंड पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय होने की संभावना है। इस सिस्टम के कारण पूर्वी भारत के भागों में एक बार फिर से आर्द्र हवाओं का प्रवाह बढ़ जाएगा।
इसके चलते 6 और 7 अप्रैल को, एक बार फिर से पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में मौसम बदलेगा। उम्मीद है कि इन राज्यों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होगी। अनुमान है कि आगामी मौसमी हलचल वर्तमान बारिश की तुलना में ज्यादा होगी। इस दौरान इन क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर ओलावृष्टि होने, तेज हवाएँ चलने, बादलों की गर्जना होने और आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है।
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में पूर्वी भारत के राज्यों में ऐसी मौसमी घटनाएँ प्रायः देखने को मिलती हैं, जिसे काल बैसाखी या नॉरवेस्टर कहा जाता है। मई में आँधी-तूफान, बारिश, गर्जना और बिजली गिरने जैसी प्री-मॉनसून की मौसमी घटनाएँ अपने चरम पर होती हैं।
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