जनवरी के महीने में उत्तरी मैदानी इलाकों में असाधारण रूप से भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें देखी गई हैं, जिसने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। फरवरी के महीने में बारिश की गतिविधियां कम हुई, लेकिन कुछ मौकों पर हल्की बारिश देखी गयी। 1 मार्च से प्री मानसून सीजन शुरू हो रहा है।
2 मार्च को पंजाब, हरियाणा, पश्चिम और उत्तर-पश्चिम राजस्थान, दिल्ली के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों सहित उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश और आंधी का पहला दौर शुरू हो सकता है। 3 मार्च को पंजाब हरियाणा और उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में भी एक-दो स्थानों पर हो सकती है। ये मौसम गतिविधियां प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के मद्देनजर होंगी, जिसके उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर बनने की उम्मीद है।
उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों का न्यूनतम तापमान एक अंक तक गिर गया है। हवा की दिशा में बदलाव और बादल छाए रहने के कारण एक बार फिर न्यूनतम तापमान दोहरे अंक में आ सकते हैं। बारिश की ये गतिविधियां हल्की और कुछ स्थानों पर ही होंगी। तेज हवाएं और ओलावृष्टि की गतिविधियों से इंकार किया जाता है इसलिए फसलों के नुकसान की संभावना भी काफी कम है।
विशिष्ट मानसून पूर्व गतिविधियां मार्च के तीसरे सप्ताह तक शुरू हो जाएंगी जब तापमान काफी अधिक बढ़ जाएंगे। वातावरण की अस्थिरता और उच्च तापमान के कारण होली के बाद धूल भरी आंधी और गरज के साथ गतिविधियां होने की संभावना है।