दिल्ली और हरियाणा में बीते लंबे समय से मौसम शुष्क बना हुआ है। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी और इससे सटे राज्य हरियाणा तथा पंजाब में बुधवार को गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। बारिश की गतिविधियां पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कहीं-कहीं देखने को मिल सकती हैं। यानि उल्लास से भरे पारंपरिक त्योहार लोहड़ी पर मौसम का मिजाज़ अपेक्षा के अनुसार होने की संभावना है।
स्काइमेट के अनुसार राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी भागों पर हाल ही में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है जिसके चलते उत्तर-पश्चिम भारत के भागों पर हवाओं के रूख में बदलाव आया है। इन भागों में उत्तर-पश्चिमी की जगह अब दक्षिण-पश्चिमी आर्द्र हवाएँ चलने लगी हैं।
मौसम में आए इस परिवर्तन के चलते नमी बढ़ेगी, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी और इससे सटे हरियाणा में छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा या बादलों की गरज के साथ बूँदाबाँदी देखने को मिल सकती है।
इस मौसमी गतिविधि के चलते आर्द्रता के स्तर में और वृद्धि होगी जिससे दिन और रात के तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की जाएगी। आर्द्रता में वृद्धि और तापमान में कमी के कारण 14 जनवरी यानि मकर संक्रांति के दिन दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में घना कोहरा छाने की संभावना है।
यही नहीं मौसम में आने वाली इस तब्दीली के बाद 15 जनवरी को फिर से दिल्ली, हरियाणा तथा आसपास के भागों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं क्योंकि एक नया पश्चिमी उत्तर भारत को जल्द ही प्रभावित करने वाला है। इस आगामी मौसमी हलचल का असर उत्तर भारत के मैदानी राज्यों तक पहुंचेगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीते 2-3 दिनों से उत्तर-पश्चिमी शुष्क और ठंडी हवाएँ चल रहीं थी। हवाओं की गति अपेक्षाकृत कम थी लेकिन इन शुष्क हवाओं के चलते उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में वातावरण स्वच्छ बना हुआ था।
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