उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में 28 जनवरी के बाद से मौसम मुख्यतः शुष्क बना हुआ है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फरवरी में बारिश ना के बराबर हुई है। लेकिन अब मौसम बदलने वाला है। एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास 20 फरवरी को दस्तक दे सकता है। यह सिस्टम न सिर्फ पहाड़ों पर बल्कि मैदानी इलाकों में भी अच्छी बारिश और ओलावृष्टि का कारण बनेगा, ऐसे संकेत मिलने लगे हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 20 फरवरी को आने वाले प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के कारण एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र राजस्थान और इसके आसपास के भागों पर बनेगा। इन दोनों सिस्टमों के कारण ही मौसम में बदलाव आएगा। चक्रवाती हवाओं का इतना प्रभावी होगा कि बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर दोनों तरफ से हवाओं को मैदानी इलाकों में आकर्षित करेगा। इन हवाओं के साथ आर्द्रता आएगी और बादल बनेंगे, गरज के साथ बारिश और ओलावृष्टि देखने को मिलेगी।
अनुमान है कि 20 फरवरी को पंजाब और हरियाणा के उत्तरी इलाकों तथा उत्तर प्रदेश के मध्य भागों और पूर्वी भागों तथा पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज के साथ वर्षा की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। 21 फरवरी को इन्हीं क्षेत्रों में तेज वर्षा और ओलावृष्टि की संभावना बन रही है। तेज़ हवाओं भी चल सकती हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के शहरों में भी 20 फरवरी से आंशिक तौर पर बादल आ सकते हैं। लेकिन इन भागों में बारिश की गतिविधियां 21 फरवरी को संभावित हैं, वह भी छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा होगी। बारिश का सबसे अधिक जोर पंजाब और हरियाणा के तराई वाले जिलों में होगा, जहां तेज वर्षा और ओलावृष्टि हो सकती है। साथ ही उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी तेज बारिश और ओलावृष्टि की संभावना 21 फरवरी को है। इन भागों में ओलावृष्टि और हवाओं के साथ बारिश के कारण फसलों को नुकसान की आशंका भी है।
पंजाब में अमृतसर, जालंधर, पठानकोट, गुरदासपुर, कपूरथला, रूपनगर, शहीद भगत सिंह नगर, फतेहगढ़ साहिब, चंडीगढ़, हरियाणा में अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल और पंचकूला मुख्य रूप से प्रभावित हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, गोरखपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर जबकि मध्य प्रदेश में छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा और टीकमगढ़ प्रभावित हो सकते हैं।
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