जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंच गया है। इसके प्रभाव से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर विकसित हो गया है। इन दोनों सिस्टमों के कारण पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में बादल दिखाई देने लगे हैं। अनुमान है कि आज शाम से बारिश की गतिविधियां शुरू होंगी और 25 मार्च तक दोनों राज्यों में कई जगहों पर बारिश देखने को मिल सकती है।
अगले 48 घंटों तक संभावित बारिश और बारिश के साथ चलने वाली मध्यम से तेज गति की हवाओं के कारण फसलों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। दोनों राज्यों में गेहूं, सरसों और आलू जैसी तमाम फसलें अब कटाई-मड़ाई की स्थिति में पहुंच चुकी हैं। ऐसे में तूफानी हवाओं के साथ होने वाली बारिश से फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका रहती है।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में अंबाला, यमुनानगर, करनाल, रोहतक, पानीपत, जींद, हिसार, सिरसा और पंजाब में मोगा, पटियाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर तथा आसपास के हिस्सों में मौसम सबसे अधिक सक्रिय रहने वाला है। इन्हीं भागों में ज्यादा बारिश की संभावना भी है।
बादल छाने और बारिश होने के कारण दोनों राज्यों में अगले 24 से 48 घंटों तक अधिकतम तापमान में गिरावट होगी जबकि न्यूनतम तापमान 2-3 डिग्री तक बढ़ जाएगा। माना जा रहा है कि 26 मार्च से पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी दिशा में निकल जाएंगे जिससे मौसम एक बार फिर से साफ हो जाएगा और दिन के तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी का रुझान शुरू होगा। हालांकि ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाएं 26 मार्च से चलेगी जिसके कारण न्यूनतम तापमान में हल्की कमी हो सकती है।
देशभर में प्री मॉनसून सीजन 1 मार्च से शुरू हो चुका है और इस दौरान रुक-रुक कर आंधी तूफान के साथ हल्की बारिश पंजाब और हरियाणा सहित देश के तमाम हिस्सों में देखने को मिलती है। 1 मार्च से 24 मार्च तक के आंकड़े देखें तो हरियाणा में आमतौर पर 10 मिलीमीटर बारिश होती है। जबकि सामान्य से 27% कम 7.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं पंजाब में औसतन 24 दिनों में 20.4 मिलीमीटर वर्षा होती है जबकि इस बार औसत से 54 प्रतिशत कम 9.4 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है अनुमान है कि अगले 24 से 36घंटों के दौरान संभावित बारिश से इन आंकड़ों में सुधार हो सकता है।
Image Credit: Daily Mail
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