उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में पिछले दो दिनों से मौसम में हलचल देखने को मिल रही है। आज भी जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मौसम केन्द्रों पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार गुलमर्ग में 1.6 मिमी, कालपा में 0.1 मिमी, कटरा में 3.8 मिमी, कुल्लू में 0.3 मिमी और उत्तरकाशी में 1 मिमी वर्षा हुई।
इस बीच कश्मीर के पास बना पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि इसके बाद एक नया पश्चिमी विक्षोभ कल से पर्वतीय राज्यों को फिर से प्रभावित करेगा। यह सिस्टम इस समय उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू कश्मीर के पास है। इसके अलावा हरियाणा और पंजाब पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अगले 24 घंटों में हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुँच जाएगा। साथ ही पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मध्य पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा।
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इन सभी मौसमी सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 48 घंटों तक बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। बारिश की तीव्रता 6 मई को अधिक होगी। इस दौरान वैष्णो देवी, श्रीनगर, कटरा, शिमला, धर्मशाला, मसूरी, नैनीताल सहित आसपास के भागों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी भागों और पर्वतीय क्षेत्रों के बीच स्थित तराई क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर 5 और 6 मई को ओलावृष्टि होने की भी संभावना है। विशेषकर उना, कसौली, नाहन, देहारादून और आसपास के भागों में ओलावृष्टि के साथ तूफानी हवाएँ भी चल सकती हैं। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इन गतिविधियों को देखते हुए सुझाव है कि वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालु और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों की सैर करने वाले सैलानियों को इस सप्ताह की छुट्टियों में अपनी यात्रा या तो टाल देनी चाहिए या विशेष सावधानी रखने की ज़रूरत होगी। भूस्खलन भी कुछ स्थानों पर हो सकता है। इस समय बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की चारधाम यात्रा चल रही है। मौसम में संभावित बदलाव को देखते हुए प्रशासन और तीर्थयात्रियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
Image credit: KNSKashmir
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