बीते कुछ दिनों से बिहार से लेकर झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सामान्य से अधिक तापमान के चलते बेतहासा गर्मी पड़ रही है। हालांकि बिहार और पश्चिमी बंगाल के कुछ हिस्सों में बारिश के रूप में अंतराल पर राहत की बयार भी बही है। एक बार फिर से इन राज्यों में मौसमी परिदृश्य बारिश के लिए अनुकूल बन गया है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में अच्छी प्री-मॉनसून बारिश की गतिविधियां जारी हैं, जिससे इन राज्यों में पारा नियंत्रण में बना हुआ है।
इस बीच हमारा अनुमान है कि बिहार सहित पूर्वी भारत के भागों में मौसम सक्रिय हो गया है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पूर्वी बिहार और इससे सटे हिस्सों पर हवाओं में एक चक्रवाती क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा बंगाल की खाड़ी तक जबकि एक अन्य ट्रफ पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश तक बनी हुई है।
इन सिस्टमों के प्रभाव से बिहार के पूर्वी और उत्तरी जिलों विशेषकर किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल और आसपास के भागों में बादलों की गर्जना और कड़कती बिजली के बीच वर्षा होने की संभावना है। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कई जगहों पर गरज और तेज़ हवाओं के साथ अच्छी बारिश हो सकती है। झारखंड के धनबाद, देवघर और आसपास के हिस्सों में कुछ जगहों पर ऐसी ही गतिविधियां संभावित हैं।
गंगीय पश्चिम बंगाल के तटीय भागों विशेषकर कोलकाता, नादिया, बीरभूम और आसपास के जिलों में एक-दो स्थानों पर कालबैसाखी का असर देखने को मिलेगा और कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना तथा तेज़ हवाओं के साथ वर्षा दर्ज की जा सकती है। आपको बता दें कि कोलकाता में अप्रैल में औसतन 60 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन अप्रैल बीतने को है और यहाँ अब तक महज़ 5 मिमी बारिश हुई है। ओड़ीशा में उत्तर-पूर्वी ज़िले इस मौसमी परिदृश्य का गवाह बन सकते हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में आर्द्र दक्षिण-पूर्वी हवाएँ पहुँचेंगी। इन हवाओं के चलते गोरखपुर तथा आसपास के हिस्सों में आंशिक बादल छा सकते हैं और तेज़ गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।
Image credit:
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।