लंबे इंतेजार के बाद आखिरकार मध्य भारत के कुछ भागों में बारिश दर्ज की गई। इससे पहले 26 जनवरी को मध्य भारत के कुछ भागों में वर्षा देखने को मिली थी। 26 जनवरी को लंबे अंतराल के बाद बारिश हुई थी और उसके बाद लगभग एक पखवाड़े के अंतर पर बीते 2 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों और छत्तीसगढ़ तथा विदर्भ में कहीं-कहीं बारिश दर्ज की गई।
विगत 48 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश हुई जबकि छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर बारिश हुई। इन भागों में मौसम में आए बदलाव का असर दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड और दक्षिणी पश्चिम बंगाल में भी वर्षा की गतिविधियां के रूप में देखने को मिला। मध्य भारत के विदर्भ क्षेत्र में भी एक-दो स्थानों पर इस दौरान गरज के साथ हल्की बारिश दर्ज की गई।
स्काइमेट ने पहले ही बारिश और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि का अनुमान लगाया था और बीते 2 दिनों के दौरान ना सिर्फ मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई बल्कि सीहोर, रायसेन, जबलपुर, विदिशा और नरसिंहपुर में ओले भी पड़े। पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर बने एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते मध्य भारत में मौसम ने करवट ली और इन भागों में बारिश दर्ज की गई।
हवाओं में बने चक्रवाती सिस्टम से मध्य महाराष्ट्र तक बनी ट्रफ ने भी मौसम को प्रभावित किया। इन दोनों मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से मध्य भारत के कई भागों में बारिश दर्ज की गई। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मध्य भारत पर बने यह सिस्टम अब निष्प्रभावी हो गए हैं जिसके चलते मध्य भारत में स्थित राज्यों में फिर से मौसम साफ तथा शुष्क हो जाएगा।
मध्य भारत के भागों पर फिलहाल जल्द कोई सिस्टम बनता दिखाई नहीं दे रहा है जिसके चलते इन राज्यों में मौसम साफ तथा शुष्क रहने की संभावना है। साफ आसमान की स्थिति में तेज़ खिली धूप तापमान को बढ़ाएगी। ज़ाहिर है ऐसे में दिन का मौसम समय से पहले गर्म हो सकता है। सुबह और रात में हल्की ठंडक और सुहावने मौसम की अपेक्षा है।
Image credit: Hindustan Times
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