उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में इस सर्दी के शुरुआती तीन महीनों में मौसम सूखा रहा। लेकिन जनवरी में रुक-रुक कर वर्षा देखने को मिल रही है। उत्तर भारत में कश्मीर के पास एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है और इसके प्रभाव से उत्तरी राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दिखाई दे रहा है। इन सिस्टमों के कारण पंजाब के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों से बारिश हो रही है।
बृहस्पतिवार को बारिश की गतिविधियां और बढ़ गईं। सुबह से ही पंजाब के कई शहरों में रुक-रुक कर गरज के साथ वर्षा हो रही है। हरियाणा में भी बादल छाए हुए हैं और कुछ शहरों में गरज के साथ वर्षा देखने को मिल रही है। बारिश की गतिविधियां राजस्थान के उत्तरी और पश्चिमी शहरों में एक-दो स्थानों पर दर्ज की गई है। उम्मीद के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में भी बादल छाए हुए हैं लेकिन बारिश फिलहाल नहीं हुई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान मौसमी सिस्टम से पंजाब सबसे ज़्यादा प्रभावित होगा। अनुमान है कि लुधियाना, पटियाला, होशियारपुर, कपूरथला सहित कुछ शहरों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश के साथ तेज़ हवाएँ चलने और एक-दो स्थानों पर ओलावृष्टि होने की भी संभावना है। इसके कारण पंजाब में गेहूं और सरसों सहित रबी फसलों को कुछ नुकसान हो सकता है।
अनुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ अगले 24 घंटों में आगे निकल जाएगा और चक्रवाती सिस्टम भी कमजोर हो जाएगा जिससे मैदानी इलाकों में मौसम साफ होने की संभावना है। मौसम में इस हलचल के चलते अगले 24 घंटों तक पंजाब के कई शहरों में जबकि हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में कुछ स्थानों पर दिन में पारा गिरेगा जबकि न्यूनतम तापमान में गिरावट 2 फरवरी से 4 फरवरी के बीच देखने को मिलेगी। पंजाब में अमृतसर, पठानकोट, लुधियाना, पटियाला, संगरूर में तापमान 4 डिग्री के आसपास आ सकता है जिससे शीतलहर जैसे हालात बन सकते हैं।
इस बीच वर्तमान सिस्टम के आगे निकलने के बाद 5 फरवरी को एक बेहद सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आने वाला है जिसके प्रभाव से पंजाब और हरियाणा में 5 से 7 फरवरी के बीच भारी बारिश होने की संभावना है। उस दौरान कई स्थानों पर ओले भी गिरेंगे जिससे फसल को व्यापक नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
Image credit: The Tribune
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