1 जून से 17 सितंबर के बीच महाराष्ट्र में 13% सरप्लस है। यदि हम इस क्षेत्र में बारिश के आंकड़ों को देखें तो मराठवाड़ा में 30% अतिरिक्त है, इसके बाद कोंकण और गोवा में 21%, मध्य महाराष्ट्र में 13% अधिशेष है वहीं विदर्भ में 3% की कमी है।
विदर्भ की औसत वर्षा मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र की तुलना में अधिक है। पिछले 3 से 4 दिनों के दौरान महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में बारिश की गतिविधियों में काफी कमी आई है। हालांकि कोंकण और गोवा और विदर्भ के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश हो रही है, लेकिन तीव्रता हल्की रही। बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ है, और यह पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा।
इसके अलावा, विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में 500 एचपीए पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनेगा। इसलिए, कल 19 सितंबर तक विदर्भ और मराठवाड़ा में बारिश की गतिविधियां एक बार फिर तेज हो सकती हैं। कोंकण और गोवा में 21 से 23 सितंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
मुंबई और आस-पास के इलाकों में भी 21 से 23 सितंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती हैं। मध्य महाराष्ट्र के दक्षिणी जिलों में बारिश की गतिविधियां हल्की होंगी, लेकिन जलगांव, मालेगांव, नासिक, अहमदनगर और शिरडी जैसे उत्तरी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।