उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में मॉनसून की अक्षीय रेखा सक्रिय थी जिससे इन भागों में बारिश हो रही थी। ट्रफ के प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी राज्य पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बीते 24 घंटों के दौरान अच्छी बारिश देखने को मिली है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इस दौरान दिल्ली में 24 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसी तरह करनाल में 19, लुधियाना में 18 ,अलवर में 14, चुरू में 13 और नाहन में 10 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इस बारिश के कारण दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर-पश्चिम भारत के शहरों में दिन और रात के तापमान में गिरावट आई थी और मौसम सुहावना हो गया था।
इस बीच मॉनसून की अक्षीय रेखा दिल्ली से दक्षिण की ओर चली गई है और मध्य भारत के करीब पहुंच गई है जिसके कारण फिर से अधिकांश भागों में बारिश में कमी आ जाएगी। बारिश में कमी के साथ गर्मी और उमस दोनों में वृद्धि होगी तथा मौसम परेशान करेगा। बुधवार की दोपहर से ही बादल कम हो गए हैं और धूप का असर भी बढ़ गया है। अनुमान है कि कल के मुक़ाबले आज दिन का तापमान ज़्यादा रहेगा।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर-पश्चिम भारत में वातावरण में नमी अभी भी बनी हुई। ऐसे में तापमान काफी ऊपर पहुंचने की स्थिति में गरज वाले बादल विकसित हो सकते हैं जिससे थोड़े समय के लिए छिटपुट जगह पर बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। लेकिन यह बारिश सभी भागों में नहीं होगी जिससे अच्छी राहत फिलहाल नहीं मिलेगी।
कह सकते हैं कि दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोगों को अगले 2-3 दिनों के लिए गर्मी और उमस भरे मौसम से मुकाबले के लिए तैयार रहना होगा। उसके पश्चात यानि 11 अगस्त से फिर से मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर की दिशा में आएगी जिससे उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में 11 अगस्त से मॉनसून वर्षा की वापसी की संभावना है।
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