छत्तीसगढ़ के दक्षिणी जिलों खासकर जगदलपुर और इससे सटे क्षेत्रों में पिछले 1 महीने से गरज के साथ बारिश की गतिविधियां बनी हुई हैं। यह गतिविधियां बीते 24 घंटों के दौरान भी दर्ज की गयी हैं। इस दौरान यहां के दुर्ग और माना जिलों में छिटपुट बारिश हुई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के उत्तरी भागों से छत्तीसगढ़ होते हुए दक्षिणी भागों तक ट्रफ रेखा फैली हुई है। इस ट्रफ रेखा का उत्तरी हिस्सा पूर्वी उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ होते हुए पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। इसके कारण ही छत्तीसगढ़ के दक्षिणी भागों में पिछले कुछ समय से प्री-मानसून गतिविधियां देखने को मिली हैं तथा अगले 2 दिनों तक राज्य के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने के आसार हैं।
इसके बाद 13 मई तक कोई गतिविधयां होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि 13 जून को एक बार फिर बारिश हो सकती है। लेकिन इस दौरान भी बारिश राज्य के दक्षिणी भागों में होने की संभावना है।
राज्य के उत्तरी भागों जैसे कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, सुरगुजा, बिलासपुर और खोरमा में शुष्क मौसम ही बना रह सकता है। बिलासपुर और इससे सटे इलाके अगले 2-3 दिनों में लू की चपेट में आ सकते हैं।
स्काइमेट में उपलब्ध बारिश के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 1 मार्च से 6 जून तक 57% कम बारिश हुई है। ऐसा राज्य के दक्षिणी हिस्सों में प्री-मॉनसून गतिविधियां न होने से है। वहीं उत्तरी भागों में भी यह गतिविधियां सिर्फ कुछ अवसरों पर हुई हैं।
स्काइमेट वेदर के अनुसार, 10 जून को छत्तीसगढ़ में मॉनसून का आगमन हो जाता है। लेकिन इस बार मॉनसून केरल में भी देरी से पहुंच रहा है। इसके चलते छत्तीसगढ़ में मॉनसून के आगमन में करीब 1 हफ्ते की देरी हो सकती है।
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