पंजाब और हरियाणा में बीते 2-3 दिनों से प्री-मॉनसून प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां बढ़ गई हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान भी इन दोनों राज्यों के अधिकांश इलाकों में धूलभरी आंधी के साथ गरज और भारी वर्षा देखने को मिली है। जिससे दोनों राज्यों के तापमान में अच्छी गिरावट हुई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पर बने पश्चिमी विक्षोभ और इसकी वजह से उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बने बना चक्रवाती क्षेत्र के कारण पंजाब और हरियाणा में मौसम ने करवट बदली है। साथ ही मैदानी क्षेत्राओं में एक ट्रफ रेखा बनी हुई है जो मौसम को प्रभावित कर रही है।
पश्चिमी विक्षोभ अब पूर्वी दिशा की ओर बढ़ गया है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी राजस्थान से उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ते हुए पंजाब और हरियाणा के ऊपर पहुँच गया है। ट्रफ रेखा अभी भी उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर है। यह मौसमी सिस्टम अभी भी प्रभावी है जिससे संभावना है कि पंजाब और हरियाणा के अधिकांश भागों में गरज के साथ बारिश अगले 24 घंटों तक जारी रहेगी।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में हो रही बारिश के कारण अधिकांश हिस्सों में तापमान में तेज़ गिरावट हुई है। चंडीगढ़ में कल का अधिकतम तापमान 31.9 डिग्री, पटियाला में 31.4 डिग्री, हिसार में 30.7 डिग्री, करनाल में 30.6 डिग्री और अमृतसर में अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान सामान्य से लगभग 7 से 10 डिग्री तक नीचे है। तापमान में भारी गिरावट के कारण लोगों को लू से अच्छी राहत मिली है।
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अगले 24 घंटों यानि 18 अप्रैल के बाद हरियाणा और पंजाब में इन मौसमी हलचलों में कमी होने के आसार हैं। जिससे 19 अप्रैल से आसमान एक बार फिर बिलकुल साफ़ हो जायेगा। पंजाब और हरियाणा में पारा ऊपर चढ़ना शुरू करेगा।
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