उत्तर प्रदेश के पूर्वी और तराई क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसी बारिश देने के बाद मॉनसून अब सुस्त हो जाएगा। हिमालय के तराई क्षेत्रों में बीते कई दिनों से बनी मॉनसून की अक्षीय रेखा अब कमजोर हो गई है और दक्षिणी भागों की तरफ बढ़ रही है जिसके चलते राज्य के लगभग सभी भागों में अगले 24 घंटों के दौरान मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। हालांकि इस दौरान गोरखपुर, देवरिया, बहराइच सहित तराई क्षेत्रों में हल्की वर्षा देखने को मिल सकती है।
दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लंबे समय से मौसम शुष्क बना हुआ है जिससे इन भागों में किसान परेशान हैं और गर्मी भी बढ़ गई है। राज्य में इस मॉनसून सीजन में अब तक हुई कुल वर्षा के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 12 प्रतिशत कम 492 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंकड़े सूखा दर्शा रहे हैं क्योंकि यहाँ अब तक सामान्य से 31 प्रतिशत कम महज़ 332 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
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इस बीच राहत की बात है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 18 अगस्त से मॉनसून सक्रिय होगा और बारिश वापसी करेगी। हिमालय के तराई क्षेत्रों में बनी मॉनसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की तरफ बढ़ेगी जिसके चलते यह बदलाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा ओड़ीशा पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है, जो पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए मध्य प्रदेश पर पहुंचेगा और निम्न दबाव का रूप ले लेगा।
निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा मध्य भारत की तरफ पहुँच सकती है। मौसमी सिस्टमों में इस परिवर्तन के चलते उत्तर प्रदेश के सभी भागों में 18-19 अगस्त से पूर्वी आर्द्र हवाओं का प्रवाह अधिक हो जाएगा जिससे बारिश के लिए स्थितियाँ अनुकूल बनेंगी। आर्द्र हवाओं के चलते राज्य के लगभग सभी भागों में उमस बढ़ जाएगी। उत्तर प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।
हालांकि इस दौरान इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी जैसे मध्य और पूर्वी भागों में विशेष बारिश नहीं होगी। हालांकि छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा की संभावना से इंकार भी नहीं कर सकते। दूसरी ओर आगरा, मथुरा, अलीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बरेली सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर 18 से 20 अगस्त के बीच हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जा सकती है।
Image credit: Jagran.com
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