वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार अगले 48 से 72 घंटों के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश के करीब बंगाल की खाड़ी में एक नया मॉनसूनी सिस्टम विकसित हो सकता है। उसके कुछ समय पश्चात यह सिस्टम तटों से होते हुए भीतरी भागों पर आएगा जिसके चलते मध्य भारत के भागों में फिर से मॉनसून बारिश देखने को मिल सकती है।
इस मौसमी सिस्टम के चलते पूर्वी तटों पर भी मॉनसून एक बार फिर से सक्रिय हो सकता है। इस सिस्टम के प्रभाव से ही आंध्र प्रदेश सहित पूर्वी राज्यों और पूर्वी तटों के अन्य भागों में भी बारिश बढ़ने की संभावना है।
इस सिस्टम के आगे बढ़ने से मध्य भारत के राज्यों में भी मौसम करवट लेगा और छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना सहित प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक हिस्सों में कुछ स्थानों पर बारिश बढ़ जाएगी। तेलंगाना के कुछ हिस्सों में वर्षा दर्ज की जाएगी। महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों विशेषकर विदर्भ में अच्छी वर्षा देखने को मिलेगी।
इस सिस्टम के विकसित होने और इसके आगे की प्रगति तथा इसके मौसम पर पड़ने वाले प्रभावों पर स्काइमेट लगातार बारीकी से नज़र रखेगा। और इससे जुड़ी हर ताज़ा जानकारी आपसे साझा करता रहेगा।
मॉनसून सीजन में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मौसमी सिस्टमों का विकसित होना सामान्य प्रक्रिया है और इन्हीं सिस्टमों के चलते देश के ज़्यादातर भागों में मॉनसून का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिलता है। इन दोनों समुद्री भागों में बंगाल की खाड़ी अधिक सक्रिय रहता है और अधिकतर मॉनसूनी सिस्टम खाड़ी में ही विकसित होते हैं।
कुछ दिनों पहले ही बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक बने मौसमी सिस्टमों ने मध्य भारत के मौसम को व्यापक रूप में प्रभावित किया। इनमें से एक सिस्टम डिप्रेशन भी बना जिसके चलते मध्य प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में भीषण वर्षा दर्ज की गई और राज्य को बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
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