उत्तर भारत के मैदानी भागों में लगभग दो महीनों के लंबे शुष्क मौसम के बाद बारिश के लिए स्थितियाँ अनुकूल बन गई हैं। अनुमान है कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ भागों में हल्की वर्षा होगी। उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पहुँचने वाला है। इसी सिस्टम के प्रभाव से लंबे समय बाद मौसम ने करवट ली है।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मध्य पाकिस्तान और इससे सटे राजस्थान तथा पंजाब पर एक चक्रवाती सिस्टम बना है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ इस समय उत्तरी अफगानिस्तान और इससे सटे पाकिस्तान पर पर सक्रिय है। इन मौसमी सिस्टमों के चलते उत्तरी राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में बारिश की गतिविधियां मंगलवार को ही शुरू हो चुकी हैं।
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बदलते मौसम के साथ उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि का क्रम शुरू हो गया है। अनुमान है कि बारिश के चलते रात के तापमान में और वृद्धि होगी जबकि दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। इन दोनों मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी राजस्थान में कई जगहों पर हल्की जबकि एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश होने के आसार हैं।
दिल्ली और इससे सटे शहरों नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद और गाज़ियाबाद में भी हल्की वर्षा होगी। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में मौसम का यह मिजाज़ 16 नवंबर तक जारी रहेगा। हालांकि यह बारिश बहुत व्यापक नहीं होगी और थोड़े समय के लिए कुछ स्थानों पर ही देखने को मिलेगी।
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लेकिन दिन में अधिकतर हिस्सों में बादल छाए रहेंगे जिससे समूचे उत्तर-पश्चिम भारत में दिन में भी ठंडक महसूस की जाएगी। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में मौसम बदला है। इस दौरान जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर बर्फबारी होगी जबकि उत्तराखंड में बारिश देखने को मिलेगी।
उत्तर भारत के लोगों के लिए बारिश के रूप में मौसम की यह सौगात बड़ी राहत है। बारिश के चलते ना सिर्फ कोहरे और प्रदूषण से कुछ समय के लिए छुटकारा मिलेगा बल्कि सर्दियों की औपचारिक शुरुआत भी होगी।
Image credit: DNA
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