स्काइमेट ने बिहार के उत्तरी जिलों में भीषण बारिश और बाढ़ की आशंका जताई थी। बीते लगभग 5 दिनों से तराई क्षेत्रों में बनी हुई है। इसके चलते बिहार के उत्तरी इलाकों में बीते 2-3 दिनों से भारी बारिश हो रही है। नेपाल में भी भारी वर्षा हुई है, जिसका असर बिहार के उत्तरी भागों में बाढ़ के रूप देखने को मिल रहा है। फिलहाल बारिश में व्यापक कमी आई है लेकिन हिमालयी क्षेत्रों से आ रहे बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं।
बिहार के उत्तर पूर्वी ज़िले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार अब तक बाढ़ और भारी बारिश के संकट में लगभग 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। किशनगंज, अररिया, पुर्णिया और कटिहार में बीते 2 दिनों में 10 लाख से अधिक लोगों को बाढ़ के संकट का सामना करना पड़ा है। किशनगंज में गाँव के गाँव जलमग्न हो गए हैं जिसके चलते हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है।
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बाढ़ के चलते किशनगंज में शहर के कई इलाकों में लोग फंसे हुए हैं और प्रशासन से सहायता की उम्मीद कर रहे हैं। किशनगंज में शहर में छह से आठ फीट की ऊंचाई तक पानी बह रहा है। रेल मार्ग जलमग्न हो गया है, जिससे रेलगाड़ियों का परिचालन ठप हो गया है। बिहार में गर्जना व वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिये गए चित्र पर क्लिक करें।
शिवहर का सीतामढ़ी और मोतिहारी से सड़क संपर्क टूट गया है। इसके अलावा दरभंगा, मधुबनी, सितमढ़ी, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल तथा पूर्वी और पश्चिमी चंपारण जिलों में भी बाढ़ का पानी संकट बना है। बीते कई दिनों से कोशी नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही थी। अधिकारियों के मुताबिक इस समय कोशी, महानंदा, गंडक, बागमती और गंगा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की ट्रफ अब कमजोर हो गई है जिसके चलते बिहार में बारिश में व्यापक कमी आएगी। जिससे राहत और बचाव कार्यों में आसानी होगी। मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने प्रभावित लोगों की मदद के लिए सेना और वायुसेना की मदद मांगी है। मीडिया खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से सहायता की अपील की है। इस बीच प्रधानमंत्री ने बिहार को सभी संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
Centre assures all support to Bihar government to mitigate the flood situation. Teams of @NDRFHQ are in Bihar for rescue and relief work: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 14, 2017
अगले कुछ दिनों तक बारिश ना होने के बाद भी बाढ़ की चुनौती से निपटना होगा। मॉनसून की अक्षीय रेखा अब कमजोर हो रही है जिससे बारिश में कमी रहेगी। फिलहाल नेपाल के रास्ते बिहार पहुँचने वाली नदियों में बाढ़ के पानी पर प्रशासन को नज़र रखने की ज़रूरत होगी। पटना और गया में अगले कुछ दिनों के दौरान मॉनसून की विशेष सक्रियता नहीं दिखेगी। इन भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। हालांकि कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
Image credit: NewsNation
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