उत्तर पश्चिम भारत में मॉनसून का आगमन जून में तब होता है मॉनसून सीजन का लगभग 3 सप्ताह बीत चुका होता। वहीं इसकी वापसी मॉनसून सीजन के खत्म होने से 15 दिन पहले शुरू हो जाती है। उत्तर-पश्चिम भारत में सबसे कम मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की जाती है। इस साल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान के तमाम इलाकों समेत उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को मॉनसून ने जून और जुलाई में व्यापक रूप में निराश किया।
अगस्त में मॉनसून में हालात सुधरे लेकिन उत्तर पश्चिम भारत को बड़ी राहत सुधार से नहीं मिली। हालांकि उत्तर भारत में इस साल के मॉनसून सीज़न में जो भी बारिश हुई है उसका पूरा श्रेय अगस्त को ही दे सकते हैं। अगर अगस्त में भी स्थितियाँ नहीं सुधरतीं तो उत्तर भारत के राज्यों में अकाल पड़ जाता। सुधार के बावजूद अगस्त में भी उत्तर पश्चिम भारत के कई राज्य ऐसे रहे जहां औसत से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई।
दिलचस्प यह भी है कि बारिश के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में बारिश सामान्य से बहुत कम नहीं हुई है। लेकिन अधिक कमी इसलिए महसूस होती है क्योंकि उत्तर भारत के राज्यों में बारिश का स्पेल बहुत छोटा रहा जबकि शुष्क मौसम का दौर लंबा चला। यानि बारिश वाले दिन कम थे जबकि शुष्क मौसम अधिकांश समय रहा। इसके अलावा बारिश का वितरण भी उत्तर भारत में इस साल अच्छा नहीं रहा है।
उत्तर भारत में जिस तरह की बारिश हुई है उसे अच्छे वितरण के तौर पर नहीं देखा जा सकता। उत्तर-पश्चिम भारत में 1 जून से लेकर 7 सितंबर के बीच सामान्य से 10% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इस अवधि में 475.2 मिलीमीटर बारिश हुई है जहां औसतन 525.5 मिलीमीटर बारिश होनी थी।
पंजाब में 5% कम वर्षा हुई है, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सामान्य से 11% कम वर्षा हुई है। दूसरी ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 29% कम बारिश हुई है, हरियाणा में सामान्य से 5% कम वर्षा हुई है, उत्तराखंड में 13% की कमी रही है, हिमाचल प्रदेश में 17%, जम्मू कश्मीर में 30 फीसद और लद्दाख में 58% कम वर्षा दर्ज की गई है। राजस्थान में अगस्त में मॉनसून व्यापक रूप में सुधरा और पूरब से लेकर पश्चिम तक काफी अच्छी वर्षा राजस्थान के भागों में देखने को मिली। हालांकि पूर्वी राजस्थान अभी भी 1% कम वर्षा वाला क्षेत्र है जबकि पश्चिमी राजस्थान में 30% अधिक बारिश अब तक मॉनसून ने दी है।
बिन बारिश बीतेगा एक सप्ताह, गर्मी की होगी वापसी
आने वाले तकरीबन 1 सप्ताह तक उत्तर पश्चिम भारत के भागों में मौसम साफ और शुष्क रहने की संभावना है। उत्तर भारत में पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक मौसम साफ और शुष्क बना रहेगा। इन भागों में तेज़ गर्मी की वापसी हो रही है।
हालांकि मॉनसून की अक्षीय रेखा राजस्थान और उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है। यह इन्हीं क्षेत्रों पर आने वाले दिनों में बनी रहेगी जिससे कुछ स्थानों पर पूर्वी हवाओं के साथ आ रही आर्द्रता के कारण और बढ़ते तापमान के बीच गरज वाले बादल विकसित हो सकते हैं और छिटपुट बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। लेकिन यह बारिश प्री-मॉनसून वर्षा जैसी होगी। इस बारिश से तापमान में बहुत बड़ा बदलाव भी नहीं आएगा। यही वजह है कि उत्तर भारत में मौसम गर्मी की वापसी का एहसास दिला सकता है।
अगले एक सप्ताह के दौरान उत्तर भारत में उत्तराखंड एकमात्र ऐसा क्षेत्र होगा जहां पर हल्की से मध्यम मॉनसूनी वर्षा देखने को मिल सकती है।
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