मॉनसून की विदाई के पहले से ही उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क बना हुआ है। पिछले दिनों ओड़ीशा और बंगाल की खाड़ी में मौसमी सिस्टम विकसित हुए थे जिनके चलते उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में अच्छी बारिश होने के आसार बने थे। लेकिन ऐसा लगता है जैसे यह सिस्टम अपना रास्ता भटक गए और उत्तर पश्चिमी दिशा में आने के बजाए उत्तर में चले गए।
मौसमी सिस्टमों की स्थिति में बदलाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। पश्चिम बंगाल पर बना डीप डिप्रेशन इस समय निम्न दबाव के रूप में बिहार और झारखंड के ऊपर दिखाई दे रहा है। यह सिस्टम अगले 12 घंटों में कमजोर होगा और निष्प्रभावी हो जाएगा। फिलहाल अगले 12 घंटों के दौरान भी निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते बारिश जैसी स्थितियाँ देखने को नहीं मिलेंगी। उत्तर प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर प्रदेश में इस समय दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ चल रही हैं। इन हवाओं के प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले 12 घंटों तक कुछ स्थानों पर हल्के बादल देखे जा सकते हैं। हालांकि मौसम शुष्क रहेगा।
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उत्तर प्रदेश के मध्य और पश्चिमी भागों में भी फिलहाल मौसम साफ और शुष्क बने रहने की संभावना है। लखनऊ, कानपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, नोएडा, गाज़ियाबाद, मथुरा में शुष्क मौसम के साथ दोपहर में गर्मी और उमस परेशान करेगी। आर्द्र दक्षिण-पूर्वी हवाओं के चलते न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है। दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाओं के प्रभाव से सुबह के समय कहीं धुंध या कुहासा छाने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश में आगामी दो दिनों तक दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ जारी रहेंगी। इन हवाओं में 13-14 अक्तूबर से बदलाव आएगा और उत्तर-पश्चिमी हवाएँ चलना शुरू होंगी। हवा में आने वाले इस बदलाव के चलते उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों यानि पश्चिम से लेकर पूर्व तक के कई जिलों में सुबह के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी जिससे सुबह और रात में ओस गिर सकती है साथ ही हल्की ठंडक भी महसूस की जाएगी। दिन के तापमान में विशेष बदलाव नहीं होगा जिससे गर्मी बनी रहेगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में फिर से एक मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है। इसकी क्षमता का अंदाज़ा लगाना अभी जल्दबाज़ी होगा। इसके अलावा इसकी दिशा का भी पूर्वानुमान सटीक नहीं होगा। हालांकि इसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में 17 अक्तूबर से फिर से दक्षिण-पूर्वी हवाएँ चलेंगी। इन हवाओं के प्रभाव से न्यूनतम तापमान बढ़ेगा।
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