उत्तर भारत के कई इलाकों में इस समय मौसम का सक्रिय रूप देखने को मिल रहा है। पहाड़ों पर तो मार्च की शुरुआत से ही रुक-रुक कर कई जगहों वर्षा और हिमपात की गतिविधियां दर्ज की जाती रही हैं लेकिन मैदानी इलाकों में पंजाब और हरियाणा के तराई क्षेत्र को छोड़ दें तो अधिकांश इलाके शुष्क बने हुए थे। हालांकि बीते दो-तीन दिनों के दौरान पंजाब और हरियाणा के उन शुष्क इलाकों भी बारिश हुई और राजस्थान के भी अधिकांश भागों में गरज के साथ वर्षा दर्ज की गई।
शुक्रवार, 12 मार्च, 2021 को सुबह-सुबह दिल्ली-एनसीआर के आसमान को घने काले बादलों ने ढँक लिया था। इन बादलों के चलते कई जगहों पर तेज़ गर्जना के साथ वर्षा भी दर्ज की गई। जनकपुरी, उत्तमनगर, पंजाबी बाग, नारायण, धौला कुआँ, महरौली, साकेत, एम्स, करोल बाग, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार समेत गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, नोएडा और गाज़ियाबाद में भी बारिश हुई। इसी समय राजस्थान और हरियाणा के भी कई हिस्सों में गरज के साथ अच्छी बारिश दर्ज की गई।
जम्मू कश्मीर और इससे सटे पाकिस्तान के ऊपर एक बेहद सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है और इस सिस्टम के प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और इससे सटे भागों पर है। इन दोनों मौसमी सिस्टमों के अलावा एक अन्य मौसमी सिस्टम दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में सक्रिय हुआ है। यह तीनों सिस्टम मौसम को सक्रिय करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
मैदानी इलाकों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश भागों, उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों और मध्य प्रदेश के लगभग सभी भागों में अगले 24 घंटों तक वर्षा के लिए मौसमी स्थितियां अनुकूल नजर आ रही हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस दौरान इन सभी क्षेत्रों में कई स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है या बूंदाबांदी हो सकती है। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि जैसी गतिविधियां भी संभावित रहेंगी।
वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ के आगे निकल जाने के बाद भी एक के बाद एक श्रृंखलाबद्ध ढंग से पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत से होकर गुजरने वाले हैं। लेकिन आगामी मौसमी सिस्टमों का प्रभाव उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और मध्य भारत के क्षेत्रों पर होने की संभावना फिलहाल नहीं है। अगले चौबीस घंटों के बाद मौसम बदल जाएगा और कम से कम 20 मार्च तक मैदानी इलाकों में वर्षा होने की संभावना नहीं नजर आ रही है।
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