इस समय बिहार के बाद उत्तर प्रदेश देश का सबसे कम बारिश वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश में 1 जून से 22 जुलाई तक बारिश में 43 फीसदी की कमी रही। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश में स्थिति और भी खराब है जहां 45 प्रतिशत कम वर्षा हुई है जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 39 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
इस समय राज्य के कुछ हिस्सों में मॉनसून वर्षा हो रही है। रविवार की सुबह 8:30 बजे से सोमवार को 8:30 बजे के बीच पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। आगरा में 31 मिमी, झाँसी में 29 मिमी, अलीगढ़ में 27 मिमी, इलाहाबाद और बहराइच में 14 मिमी, लखनऊ में 11 मिमी और वाराणसी में 4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
आगे भी ऐसी ही बारिश राज्य में बनी रहेगी। कुछ स्थानों पर हल्की तो कुछ इलाकों में मध्यम मॉनसून वर्षा देखने को मिलेगी। 26 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
हालांकि 26 जुलाई के बाद उत्तर प्रदेश में बारिश तेज़ होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर में जाएगी साथ ही उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित होगा। इन सिस्टमों के चलते 27 जुलाई से 1 अगस्त के बीच उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मध्यम बारिश होने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है। यह राज्य में इस मॉनसून सीज़न की सबसे अच्छी बारिश हो सकती है जिससे बारिश में कमी के आंकड़ों में व्यापक सुधार आ सकता है।
[yuzo_related]
इस दौरान लखनऊ, सुल्तानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, जौनपुर, कानपुर, बरेली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ सहित कई शहरों में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। मॉनसून सीज़न में अब तक राज्य के पूर्वी भाग सूखे जैसे हालात से संघर्ष कर रहे हैं। अनुमान है कि बारिश के संभावित दौर से इन भागों को व्यापक राहत मिल सकती है। धान सहित खरीफ की सूख रही फसलों को भी इससे व्यापक फायदा मिलेगा।
Image credit: Ronnieborr
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।