जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और इसके आस-पास के इलाकों में बीते 24 घंटों में गरज के साथ हल्की बारिश दर्ज की गयी है। मौसम में आये इस बदलाव से यहां का मौसम सुहावना हो गया है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, जम्मू कश्मीर की तरफ एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है, जो वर्तमान में उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान और इससे सटे पाकिस्तान पर पहुँच गया है। इस सिस्टम के कारण मध्य पाकिस्तान के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है। जिसके कारण उत्तर भारत के इन राज्यों में 10 मई से बारिश होने की संभावना है।
10 मई से बारिश में तीव्रता में बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गरज के साथ कई जगहों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
स्काइमेट का अनुमान है कि 11 से 16 मई के बीच एक के बाद एक आने वाले पश्चिमी विक्षोभ, पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करते रह सकते हैं। जिसके कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के अधिकांश भागों और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में मौसमी में हलचल होती रहेगी। इसके अलावा इन इलाकों में भारी बारिश भी हो सकती है।
मई में ऐसा कम ही देखने को मिलता है जब एक के बाद एक और प्रभावित पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आएं। लेकिन इस बार कहानी कुछ अलग है जिससे उत्तर भारत के पहाड़ों पर बारिश का दौर लम्बा चलने के आसार हैं। बारिश के कारण उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में दिन और रात के तापमान में अच्छी गिरावट होगी, क्योंकि इन राज्यों के ऊपरी भागों में एक-दो स्थानों पर बर्फ़बारी के भी आसार हैं।
सभी मुख्य पर्यटन स्थानों जैसे श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग, शिमला, मनाली, मसूरी, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून में भी गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। तापमान में गिरावट से इन स्थानों का मौसम दिन में जहां सुहावना होगा वहीं रात में अच्छी सर्दी का सामना लोगों को करना पड़ सकता है।
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मौसम विशेषज्ञों की मानें तो लगातार संभावित मौसमी गतिविधियों के कारण, 13 मई के बाद कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भूस्खलन की आशंका है जिसके कारण पर्यटकों और स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
Image Credit: Amar Ujala
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