जुलाई के दौरान मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई। नतीजतन, मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अचानक आई बाढ़ देखने को मिली, जिसकी वजह से जन - जीवन अस्त व्यस्त हो गया।
फिर भी, राज्य में पिछले दो से तीन दिनों में हालात में बदलाव देखने को मिल रहा है और बारिश में कमी दर्ज की जा रही है। वास्तव में, पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कहीं-कहीं थोड़ी बहुत बारिश ही देखने को मिली। सतना में 5 मिमी, ग्वालियर में 2 मिमी, जबकि रींवा में केवल 1 मिमी बारिश हुयी।
इसलिए, हम कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश में थोड़ी बहुत शुष्क मौसम की स्थिति बनी हुई है।
मौसम की मौजूदा स्थिति के लिए दो कारक मुख्य रूप जिम्मेदार हैं। एक तो मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर दिशा की तरफ परिवर्तित हो गयी है और दूसरा, कम दबाव का क्षेत्र, जो पिछले हफ्ते तक मध्य प्रदेश के ऊपर बना हुआ था, अब यहां से स्थानांतरित हो गया है।
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वर्तमान दिन की स्थिति के परिणामस्वरूप, कम से कम अगले दो से तीन दिनों तक मॉनसून की अक्षीय रेखा में परिवर्तन की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उसके आस-पास के इलाकों में मौजूद चक्रवाती हवाओं की वजह से राज्य के उत्तरी और पूर्वी ज़िलों में शायद हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस समय, टीकमगढ़, रीवा और सतना जैसी जगहों पर अच्छी बारिश हो सकती है, जबकि मध्य प्रदेश के बाकि हिस्सों कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।
24 घंटे बाद, पूरे राज्य में मौसम शुष्क हो जाएगा और हमें कम से कम 6 अगस्त तक मध्य प्रदेश में बारिश के अगले चरण के शुरुआत की उम्मीद नहीं है।
29 जुलाई तक मध्य प्रदेश में बारिश अधिशेष 9 प्रतिशत है, जबकि अगर आकंड़ों को विस्तृत तौर पर विभाजित करके देखा जाये, तो पश्चिमी मध्य प्रदेश में सामान्य औसत से 15 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गयी है, वहीं पूर्वी मध्य प्रदेश में 2 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
Image Credit: Tripadvisor
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