गुजरात कर्क रेखा पर स्थित है जिसके कारण राज्य में गर्मी का मौसम दो बार दस्तक देता है। पहला मॉनसून पूर्व मार्च से शुरू होकर मई तक चलता है। ग्रीष्म ऋतु का दूसरा दौर मॉनसून पश्चात होता है। मॉनसून के बाद आने के बावजूद इस दौरान भी अच्छी गर्मी राज्य में पड़ती है।
बारिश के लिहाज से इस वर्ष का फरवरी माह देश के अधिकांश भागों के लिए ठीक नहीं रहा। गुजरात में भी बारिश देखने को नहीं मिली। राज्य में ग्रीष्म ऋतु का पहला दौर समान्यतः मार्च के दूसरे सप्ताह में शुरू होता है। जबकि कई अन्य राज्यों की तरह ही गुजरात में भी पहले से गर्मी ने अपने पाँव पसार लिए हैं। यहाँ अनेक स्थानों पर अधिकतम तापमान कई दिनों से 35 को पार कर रहा है।
दिन में खिली तेज़ धूप के चलते गुजरात में दोपहर के समय मौसम असहनीय रूप से गर्म हो रहा है। संध्या के पश्चात भी गर्मी और उमस में कमी देखने को नहीं मिल रही है। गुजरात के कई इलाकों में तापमान सामान्य से 4 से 7 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
प्रमुख शहरों में दर्ज किए गए तापमान का विवरण निम्नलिखित है:
सामान्यतः समुद्र तटीय भागों से सटे शहरों में इस समय मौसम अपेक्षाकृत सहज होता है लेकिन इन भागों में भी असामान्य गर्मी और उमस का सामना लोगों को करना पड़ रहा है।
इस बीच मौसमी परिदृश्य संकेत दे रहा है कि राज्य के कुछ हिस्सों में 3 और 4 मार्च के दौरान बारिश दर्ज की जाएगी जिसके चलते इस असहनीय गर्मी से लोगों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है। इस समय गुजरात और आसपास के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते यह मौसमी गतिविधियां देखने को मिलेंगी। कच्छ में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। भुज, नलिया, पोरबंदर और आसपास के भागों बारिश की संभावना फिलहाल नहीं है। मुख्यतः अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, कांडला, दीसा और राजकोट में बारिश दर्ज किए जाने के आसार हैं। बारिश के इस दौर से कम से कम अगले 3-5 दिनों के दौरान इन भागों में कुछ राहत ज़रूर महसूस की जाएगी।
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